Edited By PTI News Agency,Updated: 22 Oct, 2021 09:41 AM
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया है कि सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगाये गये प्रतिबंधों को तुरंत हटाये जाने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत मौजूदा...
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया है कि सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगाये गये प्रतिबंधों को तुरंत हटाये जाने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत मौजूदा उड़ानों की संख्या मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
कोरोना वायरस महामारी के बीच पिछले साल मार्च से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें निलंबित हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन के लिए भारत की 25 से अधिक देशों के साथ ‘एयर बबल’ व्यवस्था है।
नागर विमानन सचिव राजीव बंसल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत उपलब्ध मौजूदा उड़ानों की संख्या मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है और अंतरराष्ट्रीय मार्गों की ज्यादा मांग नहीं है क्योंकि वीजा व्यवस्था बहुत ही प्रतिबंधात्मक है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और कनाडा जैसे कुछ देशों में, एयरलाइन कंपनियों के पास दिसंबर 2021 के मध्य के लिए औसत क्षमता उपयोग अनुपात 30 से 40 प्रतिशत हैं। हम कोविड से पहले की मांग के करीब पहुंचने पर निश्चित रूप से उड़ान शुरू करने पर विचार कर सकते हैं।’’
बुधवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के उद्घाटन के दौरान अलग से बातचीत में बंसल ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो ‘हवाई बबल’ व्यवस्था का विस्तार किया जा सकता है।
दो देशों के बीच एक ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत, कुछ शर्तों के अंतर्गत उनके संबंधित एयरलाइंस कंपनियां एक-दूसरे के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित कर सकती हैं।
वर्तमान में, भारत की अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान सहित 28 देशों के साथ ऐसी व्यवस्था है।
प्रतिबंध लगने के दो महीने बाद 25 मई, 2020 को घरेलू हवाई सेवा फिर से शुरू हो गई थी।
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