ज्यादा पेनकिलर लेने से बिगड़ रही है किडनी की सेहत, जानें इसके शुरुआती संकेत

Edited By Updated: 31 Aug, 2025 07:37 PM

too many painkillers damaging kidney health early signs to watch

आजकल मामूली दर्द में भी लोग पेनकिलर का सहारा लेते हैं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह आदत किडनी के लिए बेहद नुकसानदेह हो सकती है। सफदरजंग अस्पताल के डॉ. हिमांशु वर्मा ने चेतावनी दी है कि बार-बार पेनकिलर लेने से किडनी की कार्यक्षमता घटती है और...

नेशनल डेस्क: आजकल मामूली सिरदर्द, कमरदर्द या जोड़ों के दर्द में लोग तुरंत पेनकिलर का सहारा ले लेते हैं। लेकिन लगातार और बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर लेना आपकी किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी देर की राहत के लिए पेनकिलर पर निर्भर रहना आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर जब यह आदत बन जाए। सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु वर्मा सहित मेडिकल एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि बार-बार पेनकिलर का सेवन करने से किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) जैसी स्थितियां विकसित हो सकती हैं।

थोड़ी देर के लिए दर्द से राहत
डॉक्टरों की मानें तो पेनकिलर सिर्फ थोड़ी देर के लिए दर्द से राहत देती हैं, लेकिन ये इलाज नहीं हैं। सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. हिमांशु वर्मा के अनुसार, पेनकिलर जैसे आइबुप्रोफेन, डिक्लोफेनैक और नैप्रोक्सन शरीर में बनने वाले “प्रोस्टाग्लैंडिन्स” को रोकते हैं, जो दर्द और सूजन के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन यही केमिकल्स किडनी तक खून की आपूर्ति बनाए रखने में भी मदद करते हैं। बार-बार पेनकिलर लेने से किडनी को मिलने वाला खून कम हो सकता है, जिससे उसका कार्य बाधित होता है।

पेनकिलर का किडनी पर असर

खून की सप्लाई कम होना: लगातार पेनकिलर लेने से किडनी तक खून पहुंचना कम हो जाता है, जिससे उसकी फिल्टर करने की क्षमता घटती है।

किडनी डैमेज का खतरा: लंबे समय तक पेनकिलर के सेवन से Analgesic Nephropathy नामक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें किडनी धीरे-धीरे खराब होने लगती है।

क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD): बार-बार दवा लेने की आदत क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ का कारण बन सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर: पेनकिलर ब्लड प्रेशर को भी प्रभावित करते हैं और हाई बीपी किडनी की सेहत के लिए घातक है।

शुरुआती लक्षण

- टखनों या पैरों में सूजन

- पेशाब कम आना या झागदार पेशाब

- लगातार थकान या कमजोरी

- हाई ब्लड प्रेशर

- भूख में कमी

कैसे रखें किडनी को सुरक्षित?

- पेनकिलर की आदत छोड़ें और दर्द के वास्तविक कारण का इलाज कराएं।

- किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

- पर्याप्त पानी पिएं, ताकि शरीर और किडनी से विषैले तत्व बाहर निकल सकें।

- संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें और तनाव नियंत्रित रखें।

- बार-बार दर्द हो तो किडनी फंक्शन टेस्ट ज़रूर करवाएं।
 

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