Edited By Shubham Anand,Updated: 14 Sep, 2025 08:01 PM

E20 फ्यूल को लेकर महिंद्रा ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह सुरक्षित है, हालांकि माइलेज में थोड़ी गिरावट आ सकती है। पुराने वाहनों में कुछ पुर्जों को बदलने की जरूरत हो सकती है। सरकार एथेनॉल ब्लेंडिंग नीति पर अडिग है। 1 अप्रैल 2025 के बाद सभी महिंद्रा...
ऑटो डेस्क: E20 फ्यूल को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव डिवीजन प्रमुख नलिनीकांत गोल्लागुंटा ने स्पष्ट किया है कि E20 फ्यूल पूरी तरह सुरक्षित है और यह वाहनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि इससे वाहनों का माइलेज कुछ हद तक कम हो सकता है। कंपनी अगले हफ्ते अपने ग्राहकों के लिए E20 फ्यूल को लेकर विस्तृत एडवाइजरी जारी करने की तैयारी कर रही है।
पुरानी गाड़ियों पर क्या होगा असर?
E20 फ्यूल का सबसे ज्यादा असर पुराने वाहन मॉडल्स पर पड़ने की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी गाड़ियों में रबर पार्ट्स, सील्स और गैस्केट्स जैसे कुछ कंपोनेंट्स को बदलने की जरूरत हो सकती है। सरकार ने इसे एक आसान प्रक्रिया बताया है, लेकिन आम वाहन चालकों के लिए यह अतिरिक्त खर्च का बोझ बन सकता है। इस मुद्दे ने पुराने वाहनों के मालिकों में चिंता बढ़ा दी है।
सरकार का रुख: एथेनॉल ब्लेंडिंग पर अडिग
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि एथेनॉल ब्लेंडिंग की नीति किसी भी हाल में जारी रहेगी। इसके पीछे तीन बड़े कारण हैं: कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करना, गन्ना किसानों को आर्थिक सहायता देना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पर E20 फ्यूल की आलोचनाओं को खारिज करते हुए इन्हें राजनीतिक रूप से प्रेरित करार दिया।
ग्राहकों का भरोसा जीतना चुनौती
तकनीकी दृष्टिकोण से E20 फ्यूल को लेकर ज्यादा विवाद नहीं है, लेकिन असली चुनौती ग्राहकों का भरोसा जीतने की है। वाहन निर्माता कंपनियों के विरोधाभासी बयानों ने उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। महिंद्रा का खुला रुख और आगामी एडवाइजरी ग्राहकों की चिंताओं को कम करने में मदद कर सकती है। फिर भी, सवाल यह है कि क्या भारतीय उपभोक्ता माइलेज और परफॉर्मेंस में मामूली कमी को स्वीकार कर स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य के लिए तैयार होंगे?
E20 के लिए ऑप्टिमाइज्ड मॉडल्स
महिंद्रा ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 के बाद निर्मित सभी वाहन मॉडल्स पूरी तरह E20 फ्यूल के अनुरूप होंगे। इन गाड़ियों को इस तरह कैलिब्रेट किया गया है कि माइलेज और परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि एक जिम्मेदार निर्माता के रूप में वह अपने ग्राहकों को पहले की तरह पूरी वारंटी सुविधा प्रदान करती रहेगी।
भविष्य की राह
E20 फ्यूल को अपनाना भारत के लिए पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसके लिए ग्राहकों के बीच जागरूकता बढ़ाने और पुराने वाहनों के लिए किफायती समाधान उपलब्ध कराने की जरूरत है। महिंद्रा की एडवाइजरी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, जो उपभोक्ताओं को E20 फ्यूल के लाभ और उपयोग के बारे में स्पष्ट जानकारी देगी।