लड़की की ‘न’ का मतलब ‘न’

Edited By Updated: 22 Mar, 2023 06:20 AM

girl s  no  means  no

एक  घर में बारात ले जाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। वधू के लिए जेवर-कपड़े सब तैयार थे कि अचानक लड़के वालों को एक सुबह घर के बाहर चिपका एक पर्चा दिखा।

एक  घर में बारात ले जाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। वधू के लिए जेवर-कपड़े सब तैयार थे कि अचानक लड़के वालों को एक सुबह घर के बाहर चिपका एक पर्चा दिखा। जिस पर लिखा था- ‘अगर बारात लाए तो श्मशान बना दूंगा। बारातियों का स्वागत गोलियों से किया जाएगा। करिश्मा मेरी है, मेरी ही रहेगी।’ अब लड़के वाले क्या करें! लड़की वालों ने लाख मनाने की कोशिश की, कहा कि कुछ नहीं होगा लेकिन सबको अपनी जान का डर सता रहा था, इसलिए शादी टूट गई। कारण यह कि लड़का उसी गांव के एक दबंग परिवार का था, जिसमें लड़की रहती थी।

गाजियाबाद में एक लड़की को लड़के का प्रेम प्रस्ताव ठुकराने पर जान से हाथ धोना पड़ा। जान गंवाने वाली यह लड़की अकेली नहीं थी। प्रेम इन दिनों गांवों, कस्बों में महानगरों के मुकाबले अधिक जन्म ले रहा है। हर जगह ऐसी घटनाएं खूब हो रही हैं। लड़कियां डेटिंग साइट के बारे में कहती हैं कि यहां आप जब चाहे लड़के को रिजैक्ट कर  सकते हैं, इसलिए एम्पावर्ड महसूस करती हैं। डेटिंग साइट्स न केवल लड़कों बल्कि लड़कियों के बीच भी खूब लोकप्रिय हो रही हैं। अब तो शादीशुदा स्त्रियों के लिए अलग से डेटिंग साइट्स और एप हैं। भारत में ये बहुत लोकप्रिय भी हैं।

ऐसी एक साइट  फ्रांस की महिलाओं ने बनाई है। इसमें काम करने वाली सभी महिलाएं ही हैं। महिलाओं के लिए यह मुफ्त है। लड़कों को पैसे देने पड़ते हैं। इसे भारत में विवाहित स्त्रियों के विवाहेत्तर सम्बंधों में दिलचस्पी और बेवफाई के रूप में भी प्रचारित किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या लड़के न सुनने को तैयार हैं? मेल-मुलाकात के दौरान फोटोज, चैट, मैसेज, मेल, पत्र, होटल के रिकार्ड्स आदि को अक्सर ब्लैकमेलिंग के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

लड़कों की यह पजैसिवनैस और ईष्र्या की भावना ही लड़कियों के विरुद्ध तरह-तरह के अपराधों को जन्म देती है। हत्या, एसिड अटैक, लड़की का विवाह जिससे हुआ उसकी हत्या तक के मामले सामने आते हैं। लगभग हर रोज ऐसी खबरें आती हैं। वैसे यह भी है कि इन दिनों लड़कियां भी लड़के द्वारा सम्बंध तोडऩे को सह नहीं पातीं। कई बार तो वे लड़के के घर पहुंच जाती हैं। धरने पर बैठ जाती हैं। ऐन फेरों के वक्त या बारात चढऩे के वक्त आ जाती हैं। बहुत बार वे अपने ऐसे प्रयासों में सफल होती हैं। पुलिस की मदद भी मिलती है, मगर कितनी लड़कियां ऐसा कर पाती हैं?

हालांकि यदि लड़का शादी से इंकार करे तो कई बार उस पर तरह-तरह के आरोप भी लड़कियों द्वारा लगा दिए जाते हैं। लड़कों को पुलिस पकड़ती है, जेल तक जाना पड़ता है। यदि लड़की की न का मतलब न है तो लड़कों की न का मतलब भी न क्यों नहीं है, इस बारे में भी सोचा जाना चाहिए। कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी, पिंक। इसमें अमिताभ बच्चन ने वकील का रोल निभाया था। उनके बोले इस एक वाक्य ने बहुत तहलका मचाया था। वह था ‘लड़की की न का मतलब न है’।

हाल ही में दिल्ली की एक कोर्ट ने फैसला दिया कि लड़की की न का मतलब न ही माना जाना चाहिए। कोर्ट में चल रहे इस मामले में, लड़की ने लड़के से सम्बंध होने से इंकार नहीं किया लेकिन उसका कहना था कि चूंकि उसके परिवार वाले इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए वह लड़के से शादी नहीं कर सकती। परिवार के खिलाफ नहीं जा सकती। लड़के ने अपने सम्बंधों के तमाम प्रमाण भी कोर्ट में दिए, मगर अदालत ने उन्हें मानने से इंकार करते हुए कहा कि लड़की की न का मतलब भी समझना चाहिए।

अगर वह मना कर रही है, तो उसके इंकार को मानना चाहिए। लड़कों को इस बात पर गौर करना चाहिए। वे दिन अब जा चुके हैं, जब लड़कियां डर जाती थीं। अब तो पुलिस, कानून की मदद भी उन्हें मिलती है। आज से कुछ दशक पहले मुकेश की आवाज में एक गाना बहुत बजता था ‘तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं, तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी।’

इस गाने को मन में बिठाए रखने से कुछ नहीं होगा। लड़कियों की भावना की भी कद्र करनी होगी। अदालत के इस निर्णय पर विचार किया जाना चाहिए। मान लीजिए लड़की किसी लड़के से रिलेशनशिप में थी, लेकिन विभिन्न कारणों से अब वह उसे आगे नहीं बढ़ाना चाहती, तो जबरदस्ती का कोई अर्थ भी नहीं, क्योंकि जबरदस्ती का सम्बंध लम्बा नहीं चलता। -क्षमा शर्मा

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