Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jun, 2022 03:14 PM
लंबे समय की मंदी के बाद देश का आटो सैक्टर एक बार फिर मई में टॉप गेयर में बिक्री के लिए तैयार हैं। मई महीने में देश में कारों की बिक्री नए रिकॉर्ड कायम करने की तरफ बढ़ रही है। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक मई में आटो कंपनियों ने 3,21000 से लेकर...
नई दिल्ली: लंबे समय की मंदी के बाद देश का आटो सैक्टर एक बार फिर मई में टॉप गेयर में बिक्री के लिए तैयार हैं। मई महीने में देश में कारों की बिक्री नए रिकॉर्ड कायम करने की तरफ बढ़ रही है। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक मई में आटो कंपनियों ने 3,21000 से लेकर 3,25,000 के बीच कारें डीलरों को डिसपैच की हैं। यह पिछले साल जून के मुकाबले बेची गई 2,55,743 कारों के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा हैं।
मई में कारों की बिक्री का यह आंकड़ा इससे भी ज्यादा होता, यदि मारुति के प्लांट में मैंटेनैंस का काम न चल रहा होता। ऐसी स्थिति में जून में कारों की बिक्री पुराने तमाम रिकार्ड तोड़ सकती थी। इससे पहले अक्तूबर 2020 में देश में 3,34,311 कारों की बिक्री का रिकार्ड बना था और इसके बाद मार्च 2022 में 3,21,794 कारें बिकी हैं। कोरिया की ऑटो मोबाइल कंपनी कीया के पास भी जून महीने में कस्टमर्स की भारी मांग आई है। कीया इंडिया ने इससे पहले मार्च 2022 में 22,622 कारें बेची थीं। इस बीच चाइना में कोरोना की स्थिति बेहतर होने और वहां पर बाजार खुलने के कारण भी सप्लाई चेन में सुधार आया है। हालांकि यूक्रेन और रूस के मध्य चल रहे जंग और महंगाई के चलते कुछ समस्याएं थीं, लेकिन इसके बावजूद पाइपलाइन में जो आर्डर पड़े हैं, वे काफी ज्यादा है। लिहाजा कारों की खुद्रा और रिटेल बिक्री को लेकर कोई समस्या नहीं है। देश की आटो इंडस्ट्री डीलरशिप को डिसपैच किए जाने वाली कारों की संख्या के आधार पर आंकड़े तैयार करती है और सामान्य ग्राहक को बेचे जाने वाली कारों की संख्या को इसमें महत्व नहीं दिया जाता।