DHFL मामला: कारोबारी को अंतरिम जमानत आदेश में दखल से उच्च न्यायालय का इनकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Sep, 2022 04:40 PM

dhfl case high court refuses to interfere with interim bail order

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 34,615 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कारोबारी अजय रमेश नवांदर को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत देने के निचली अदालत के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है। यह मामला दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने 34,615 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कारोबारी अजय रमेश नवांदर को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत देने के निचली अदालत के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है। यह मामला दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से जुड़ा है। इस संबंध में निचली अदालत ने नवांदर को चिकित्सा आधार पर इलाज के लिए मुंबई जाने की अनुमति दे दी थी। 

न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने पाया कि निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि नावंदर का मुंबई के एक अस्पताल से इलाज चल रहा था और इस तरह उन्हें जांच अधिकारी को पूर्व सूचना के साथ तीन दिन के लिए वहां यात्रा करने की अनुमति दी गई। न्यायालय ने कहा कि जांच अधिकारी मुंबई में रहने के दौरान आरोपी पर नजर रखने के लिए स्वतंत्र होंगे। 

न्यायालय ने पांच सितंबर को जारी आदेश में कहा, ‘‘वकील की तरफ से पेश दस्तावेज दर्शाते हैं कि प्रतिवादी का इलाज मुंबई के लीलावती अस्पताल में हो रहा है। इस आधार पर प्रतिवादी को संबंधित जांच अधिकारी को पहले सूचना देने के साथ तीन दिनो के लिए अपने चिकित्सा उपचार के लिए मुंबई जाने की भी अनुमति है।'' वहीं, निचली अदालत के आदेश के जवाब में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तर्क दिया कि आरोपी को जिस भी तरह के उपचार की आवश्यकता हो सकती है, वह दिल्ली में उपलब्ध है। 
 

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