Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Oct, 2023 11:35 AM
प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बीच निर्यातकों ने नकदी की कमी के कारण एमएसएमई को किफायती और आसान शर्तों पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन...
नई दिल्लीः प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बीच निर्यातकों ने नकदी की कमी के कारण एमएसएमई को किफायती और आसान शर्तों पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में आपातकालीन क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने का भी अनुरोध किया है। इसके अलावा फियो ने एमएसएमई विनिर्माताओं के लिए पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी लाभ को बहाल करने की भी मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि वैश्विक नरमी के कारण निर्यात में गिरावट के चलते कुछ एमएसएमई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। ऐसे में फियो ने ईसीएलजीएस को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने का आग्रह किया है क्योंकि इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एणएसएमई) को इस कठिन समय से उबरने में मदद मिलेगी। देश के कुल निर्यात में एमएसएमई की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत है।
वैश्विक मांग में कमी के कारण पेट्रोलियम और रत्न एवं आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों से निर्यात में गिरावट के कारण अगस्त में भारत का निर्यात 6.86 प्रतिशत घटकर 34.48 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इस दौरान व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) 10 महीने के उच्चतम स्तर 24.16 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया। जिन निर्यात क्षेत्रों को अगस्त में दबाव का सामना करना पड़ा, उनमें चाय, कॉफी, चावल, मसाले, चमड़ा, रत्न और आभूषण, कपड़ा और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।