लक्ष्य के दायरे में रहेगा राजकोषीय घाटाः आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Sep, 2023 11:38 AM

fiscal deficit will remain within the target ajay seth

सरकार राजकोषीय घाटा और जीडीपी लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह आश्वस्त है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती महीनों में कुछ दबाव जरूर दिखे हैं, मगर सरकार को पूरा भरोसा है कि वह राजकोषीय घाटे को...

बिजनेस डेस्कः सरकार राजकोषीय घाटा और जीडीपी लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह आश्वस्त है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती महीनों में कुछ दबाव जरूर दिखे हैं, मगर सरकार को पूरा भरोसा है कि वह राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 फीसदी पर रखने में सफल रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 10.5 फीसदी के नॉमिनल जीडीपी लक्ष्य को भी हासिल कर लेगी।

सेठ ने कहा कि आम तौर पर किसी भी वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में आनुपातिक आधार पर राजकोषीय घाटा अ​धिक दिखता है। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह यह है कि हर महीने व्यय की ​स्थिति लगभग बराबर रहती है लेकिन बाद के महीनों में राजस्व बढ़ता है। सचिव ने कहा, ‘इस साल अब तक आनुपातिक राजकोषीय घाटा ​अन्य वर्षों के मुकाबले लक्ष्य के काफी करीब रहा है। जीएसटी संग्रह में 11 फीसदी की वृद्धि अच्छा संकेत है। इससे पता चलता है कि आ​र्थिक गतिवि​धियां अच्छी हैं। पूरे वर्ष के लिए बजट में कर राजस्व का जो भी योग (लक्ष्य) है उसे हासिल कर लिया जाएगा।’

महा लेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल से जुलाई की अवधि के दौरान सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर पूरे वर्ष के लक्ष्य का 33.9 फीसदी हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 20.5 फीसदी रहा था। महंगाई को लेकर जारी चिंता के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केवल मौद्रिक नीति पर निर्भर रहने के बजाय आपूर्ति पक्ष के उपाय करने का आह्वान किया था। सेठ ने कहा कि इन दोनों कदमों का जमीनी स्तर पर प्रभाव दिखने में समय लगता है। उन्होंने कहा, ‘सरकार आपूर्ति पक्ष के उपायों के लिए कई क्षेत्रों पर करीबी नजर रख रही है।’ सब्जियों, दालों, अनाज और मसालों की आसमान छूती कीमतों के कारण जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44 फीसदी हो गई जो पिछले 15 महीनों का सर्वोच्च स्तर है।

सरकार बजट में अनुमानित वित्त वर्ष 2024 के लिए 10.5 फीसदी की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि हासिल करने के प्रति आश्वस्त है। सचिव ने कहा कि पहली तिमाही के लिए यह 8 फीसदी से कम रही, मगर पूरे साल के लिहाज से सरकार लक्ष्य तक पहुंच जाएगी। सेठ ने कहा कि इसकी एक प्रमुख वजह यह भी है कि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति काफी अधिक थी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में तीसरी तिमाही से नरमी दिखने लगी थी। सेठ ने कहा कि आधार प्रभाव के खत्म होने के बाद आगे आंकड़े कहीं बेहतर दिखेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि साल के अंत तक नॉमिनल वृद्धि दर करीब 10.5 फीसदी रहेगी जो बजट अनुमान के अनुरूप है।’

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही जिसे मुख्य तौर पर सेवा क्षेत्र से बल मिला। जबकि इस दौरान खपत के मुकाबले निवेश की रफ्तार कहीं अ​धिक रही जिसमें 4 फीसदी की वृ​द्धि दिखती है।
 

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