Silver Rate Down: औंधे मुंह गिरी चांदी, कीमतों में आई बड़ी गिरावट, 1kg चांदी की कीमत अब रह गई इतनी

Edited By Updated: 29 Dec, 2025 03:18 PM

silver prices have plummeted experiencing a significant drop

रिकॉर्ड तेजी के बाद अब चांदी की कीमतें औंधे मुंह गिरी हैं। शुरुआती कारोबार में चांदी ₹2,54,174 प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची लेकिन इसके बाद महज एक घंटे के भीतर इसमें करीब ₹21,000 की भारी गिरावट आ गई। MCX पर मार्च वायदा के दौरान चांदी फिसलकर...

बिजनेस डेस्कः रिकॉर्ड तेजी के बाद अब चांदी की कीमतें औंधे मुंह गिरी हैं। शुरुआती कारोबार में चांदी ₹2,54,174 प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची लेकिन इसके बाद महज एक घंटे के भीतर इसमें करीब ₹21,000 की भारी गिरावट आ गई। MCX पर मार्च वायदा के दौरान चांदी फिसलकर ₹2,33,120 के निचले स्तर तक पहुंच गई। सोने की कीमत में भी 1544 रुपए की गिरावट आई है।

यह गिरावट सिर्फ घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। सोमवार को पहली बार चांदी $82 प्रति औंस के पार पहुंची थी लेकिन बाद में मुनाफावसूली और भू-राजनीतिक तनाव कम होने की उम्मीदों के चलते यह $75 से नीचे आ गई।

दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच युद्ध समाप्ति को लेकर संभावित शांति समझौते की खबरों से निवेशकों का जोखिम रुख बढ़ा। इससे सुरक्षित निवेश मानी जाने वाली कीमती धातुओं की मांग कमजोर हुई और कीमतों पर दबाव आया।

MCX पर 5 मार्च डिलीवरी वाली चांदी पिछले सत्र में ₹2,39,787 पर बंद हुई थी और आज ₹2,47,194 पर खुली। शुरुआती तेजी के बाद इसमें तेज बिकवाली देखने को मिली और एक समय यह ₹2,32,663 तक फिसल गई। दोपहर 2:47 बजे यह ₹2,33,900 के आसपास कारोबार कर रही थी।

हालांकि हाल के महीनों में चांदी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। इस साल अब तक चांदी करीब 181% का रिटर्न दे चुकी है, जो सोने से भी बेहतर प्रदर्शन है। इसकी तेजी के पीछे अमेरिका द्वारा चांदी को महत्वपूर्ण खनिज घोषित किया जाना, वैश्विक आपूर्ति में कमी और औद्योगिक व निवेश मांग में बढ़ोतरी जैसे कारण रहे हैं।

चांदी में गिरावट के कारण

आज की गिरावट के पीछे सिर्फ भू-राजनीतिक कारण ही नहीं हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की। इसके अलावा शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (CME) द्वारा मार्च 2026 चांदी वायदा के लिए मार्जिन बढ़ाकर लगभग $25,000 किए जाने से भी दबाव बढ़ा। मार्जिन बढ़ने से निवेशकों को ज्यादा पूंजी लगानी पड़ती है, जिससे कुछ सट्टेबाज बाजार से बाहर निकल जाते हैं।

रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी के अनुसार, ₹2.40 लाख प्रति किलो का स्तर चांदी के लिए निकट भविष्य में अहम सपोर्ट हो सकता है, हालांकि उतार-चढ़ाव बना रहेगा। वहीं अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म BTIG ने चेतावनी दी है कि कीमती धातुओं की कीमतें फिलहाल “पैराबोलिक” स्थिति में हैं, यानी बेहद तेज और असामान्य तेजी के दौर में।

BTIG का कहना है कि इतिहास बताता है कि ऐसी तेज बढ़त के बाद अक्सर बड़ी गिरावट आती है। 1987, 1980 और 2011 के उदाहरणों में तेज उछाल के बाद चांदी की कीमतों में 50% से 90% तक की गिरावट देखी गई थी। महामारी के बाद से चांदी की कीमतें छह गुना से ज्यादा बढ़ चुकी हैं, ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
 
 

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