सोने ने तोड़ा 46 साल का रिकॉर्ड, 1979 के बाद सबसे बड़ी तेजी, 1 जनवरी से सस्ता होगा या महंगा?

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 03:30 PM

gold breaks 46 year record biggest surge since 1979 will it be cheaper

सोने ने साल 2025 में ऐसा इतिहास रचा है, जो पिछले 46 सालों में नहीं देखा गया। 1979 के बाद यह सोने की सबसे बड़ी सालाना तेजी रही, जब कीमतों में 70 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, कमजोर डॉलर, केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी और...

बिजनेस डेस्कः सोने ने साल 2025 में ऐसा इतिहास रचा है, जो पिछले 46 सालों में नहीं देखा गया। 1979 के बाद यह सोने की सबसे बड़ी सालाना तेजी रही, जब कीमतों में 70 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, कमजोर डॉलर, केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सोने को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। अब नए साल की दहलीज पर सबसे बड़ा सवाल यही है—1 जनवरी से सोना और महंगा होगा या कीमतों में राहत मिलेगी?

बढ़ती महंगाई, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और दुनिया भर में जारी भू-राजनीतिक व आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की ओर तेजी से बढ़े हैं। इसी कारण बुधवार को पहली बार सोने की कीमत 4,500 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई।

क्यों बढ़ रही है सोने की चमक?

विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर में तेज गिरावट ने सोने सहित अन्य धातुओं की कीमतों को मजबूती दी है। इसके अलावा, कई केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए बड़े पैमाने पर सोने की खरीद कर रहे हैं। खनन क्षेत्र में कम निवेश, सप्लाई चेन में रुकावटें और टैरिफ संबंधी दबाव ने भी बाजार को और टाइट कर दिया है, जबकि मांग लगातार बढ़ रही है।

2026 में तेजी या गिरावट?

अब निवेशकों के मन में बड़ा सवाल यह है कि क्या 2026 में भी सोने की यही रफ्तार बनी रहेगी। सोने की कीमतें काफी हद तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति पर निर्भर करती हैं। आमतौर पर जब फेड ब्याज दरें घटाता है, तो सोने में तेजी आती है।

फेड रिजर्व ने हाल ही में दरों में कटौती की है, जिसके बाद सोने की कीमतों में और उछाल देखने को मिला। बाजार जानकारों का मानना है कि 2026 में फेड दो बार और ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कम ब्याज दरों के पक्ष में बयान दे चुके हैं।

एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?

सिटी इंडेक्स के मार्केट एनालिस्ट फवाद रजाकजादा का कहना है कि फिलहाल ऐसा कोई बड़ा कारण नहीं दिखता, जो सोने की कीमतों को नीचे ले जा सके। वहीं, सोसाइटी जेनरल के विश्लेषकों का मानना है कि अगर केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी जारी रखते हैं, तो कीमतों में तेजी बनी रह सकती है। उनका अनुमान है कि अगर मौजूदा हालात बने रहे, तो 2026 के अंत तक सोना 5,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर को भी छू सकता है।

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