Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Nov, 2025 05:07 PM

सोने की कीमतों (gold price) में पिछले कुछ समय से लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। कीमतों में तेज उछाल के कारण लोग नए गहने खरीदने की बजाय पुराने गहनों को एक्सचेंज करवाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, खासकर शादी के सीजन में यह चलन तेज हुआ है। अगर कीमतों में और...
Old Gold New Trend: सोने की कीमतों (gold price) में पिछले कुछ समय से लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। बुधवार को जहां सोने में तेजी देखी गई थी, वहीं गुरुवार को इसमें हल्की गिरावट दर्ज हुई। इसके बावजूद सोने का भाव अभी भी अपने ऑल-टाइम हाई करीब ₹1.28 लाख प्रति 10 ग्राम से नीचे है। कीमतों में तेज उछाल के कारण लोग नए गहने खरीदने की बजाय पुराने गहनों को एक्सचेंज करवाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, खासकर शादी के सीजन में यह चलन तेज हुआ है।
गुरुवार शाम 3:30 बजे MCX पर 5 दिसंबर 2025 डिलीवरी वाले सोने का कॉन्ट्रैक्ट 0.27% टूटकर ₹1,22,722 पर ट्रेड कर रहा था। इस साल सोने की कीमतों में 40% से ज्यादा तेजी आ चुकी है, जिसके चलते ‘गोल्ड एक्सचेंज बूम’ का ट्रेंड देखने को मिल रहा है।
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दिवाली पर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा ‘गोल्ड एक्सचेंज’
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिवाली सीजन में पुराने गहनों के एक्सचेंज का हिस्सा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
- तनिष्क की धनतेरस बिक्री का 50% हिस्सा पुराने गहनों के एक्सचेंज से आया, जबकि पिछले साल यह सिर्फ 35% था।
- रिलायंस रिटेल के ज्वेलरी कारोबार में यह हिस्सा 22% से बढ़कर एक-तिहाई हो गया।
- सेनको गोल्ड में यह आंकड़ा 35% से बढ़कर 45% तक पहुंचा।
शादी के सीजन में फिर बढ़ा रुझान
शादी का मौसम शुरू होते ही एक बार फिर लोग पुराने गहनों को नए डिजाइन में बदलना पसंद कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर सोने की कीमतों में और उछाल आता है तो गोल्ड एक्सचेंज का ट्रेंड और तेज हो सकता है।
गोल्ड एक्सचेंज क्यों है फायदेमंद?
ज्वेलरी कंपनियों के मुताबिक.....
- पुराने गहनों के बदले नई डिजाइन, नए ट्रेंड वाली ज्वेलरी मिल जाती है।
- घर में रखी टूटी-फूटी, पुरानी ज्वेलरी बदलकर हॉलमार्क प्रमाणित गहने लिए जा सकते हैं।
- हॉलमार्क ज्वेलरी की शुद्धता की गारंटी होती है।
कहां सबसे ज्यादा बढ़ा एक्सचेंज?
उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार गोल्ड एक्सचेंज का ट्रेंड उत्तर, पश्चिम और पूर्व भारत में तेजी से बढ़ा है। दक्षिण भारत के ग्राहक अभी भी नए गहने खरीदना अधिक पसंद करते हैं। भारत में सालाना 800-850 टन सोने की खपत होती है, जिसमें से 40% मांग अकेले दक्षिण भारत से आती है।
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लेकिन सावधान: नुकसान भी हो सकता है
एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि पुराने गहने बदलते समय हमेशा हॉलमार्क ज्वेलरी ही चुनें। हाल ही में कई मामलों में स्थानीय ज्वेलर्स द्वारा मिलावटी सोना देने की शिकायतें सामने आईं, जिसके कारण बाद में एक्सचेंज करते समय ग्राहकों को सही मूल्य नहीं मिला।