27 से घटकर 12 और अब बचेंगे सिर्फ 4! बैंकों के बड़े विलय की तैयारी, 2 लाख कर्मचारी होंगे प्रभावित

Edited By Updated: 20 Nov, 2025 02:02 PM

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बिजनेस डेस्कः साल 2019 में सरकार ने मेगा बैंक कॉनसॉलिडेशन योजना के तहत कई बैंकों का विलय किया। देश में बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई। सरकार के सामने एक ऐसा ढांचा तैयार करने का लक्ष्य है, जिसमें अंततः देश में सिर्फ चार बड़े सरकारी बैंक रह जाएं।

Bank Merger: बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी एक बार फिर तेज हो गई है। सरकार सरकारी बैंकों की स्थिति मजबूत करने, उनके घाटे को कम करने और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए मेगा मर्जर पर काम कर रही है। वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव का प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। लक्ष्य है कम लेकिन अधिक मजबूत और कुशल सरकारी बैंक तैयार करना।

किन बैंकों पर चल रहा है मर्जर का विचार?

सूत्रों के अनुसार सरकार छोटे सरकारी बैंकों को मिलाकर बड़े बैंक बनाने की योजना पर काम कर रही है। इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक का विलय किए जाने की संभावना है।  इसके साथ ही यूनियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के एकीकरण की चर्चा भी जारी है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो एक बड़ा सार्वजनिक बैंक अस्तित्व में आएगा। फिलहाल किस बैंक का विलय किसके साथ होगा, इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

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देश में रह जाएंगे सिर्फ 4 सरकारी बैंक

सरकार के सामने एक ऐसा ढांचा तैयार करने का लक्ष्य है, जिसमें अंततः देश में सिर्फ चार बड़े सरकारी बैंक रह जाएं—

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
  • पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
  • बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)
  • केनरा बैंक

छोटे बैंकों को इनमें मर्ज करने पर विचार हो रहा है। नीति आयोग भी पहले ही सुझाव दे चुका है कि केवल चुनिंदा मजबूत बैंकों को सरकारी नियंत्रण में रखा जाए और शेष का या तो निजीकरण हो या मर्जर किया जाए।

खाताधारकों और कर्मचारियों पर क्या होगा असर?

इस प्रस्ताव से करोड़ों खाताधारक और लगभग 2,29,800 कर्मचारी प्रभावित होंगे। मर्जर के बाद शाखाओं का पुनर्गठन होगा, इससे कई शाखाएं बंद हो सकती हैं। सरकार यह दावा करती है कि कर्मचारियों की नौकरियां सुरक्षित रहेंगी लेकिन शाखाएं कम होने से ट्रांसफर बढ़ सकते हैं और प्रमोशन व सैलरी ग्रोथ पर भी असर पड़ सकता है। नए कर्मचारियों की भर्ती के अवसर भी सीमित हो सकते हैं।

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किन-किन बैंकों का हो चुका है विलय  

ये पहली बार नहीं होगा, जब सरकारी बैंकों का विलय किया जाएगा। इससे पहले कई बैंकों का मर्जर किया जा चुका है। साल 2019 में सरकार ने मेगा बैंक कॉनसॉलिडेशन योजना के तहत कई बैंकों का विलय किया। देश में बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई।

2017: SBI ने 6 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक को अपने में शामिल किया।

2019:

  • विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय
  • ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का PNB में विलय
  • आंध्रा बैंक व कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक में विलय
  • इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में मर्जर
     

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