Good News: भारत की इकोनॉमी के लिए आई अच्छी खबर! 17 साल का टूटा रिकॉर्ड

Edited By Updated: 01 Sep, 2025 12:53 PM

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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अगस्त 2025 शानदार साबित हुआ है। देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेज़ी से बढ़ते हुए नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। एचएसबीसी इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में पर्चेजिंग मैनेजर्स’ इंडेक्स (PMI) बढ़कर 59.3 पर पहुंच गया, जो कि...

बिजनेस डेस्कः भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अगस्त 2025 शानदार साबित हुआ है। देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेज़ी से बढ़ते हुए नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। एचएसबीसी इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में पर्चेजिंग मैनेजर्स’ इंडेक्स (PMI) बढ़कर 59.3 पर पहुंच गया, जो कि जुलाई के 59.1 से ज्यादा है और पिछले 17.5 सालों का उच्चतम स्तर है।

यह संकेतक बताता है कि देश में उत्पादन और नई मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां मजबूती से बढ़ रही हैं। इसका सीधा मतलब है कि इंडस्ट्री में न सिर्फ उत्पादन बढ़ा है, बल्कि डिमांड भी मजबूत हुई है।

प्रोडक्शन बढ़ना प्रमुख कारण

इस इंडिकेटर के बढ़ने का मुख्य कारण प्रोडक्शन का बढ़ना है। प्रोडक्शन लगभग 5 सालों में सबसे तेजी से बढ़ा है। सर्वे में भाग लेने वालों ने बताया कि यह सुधार सप्लाई और डिमांड के बीच बेहतर तालमेल के कारण हुआ है। मतलब, जितनी चीजों की डिमांड है, उतनी ही सप्लाई भी हो रही है।

एचएसबीसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू डिमांड बढ़ने से फैक्ट्री ऑर्डर्स और प्रोडक्शन में भी बढ़ोतरी हुई है। नए ऑर्डर्स जुलाई के बराबर ही बढ़े हैं, जो पिछले 57 महीनों में सबसे ज्यादा थे। इसका मतलब है कि लोग देश में बनी चीजों को खूब खरीद रहे हैं।

अच्छी डिमांड से बढ़ी बिक्री

बाजार में अच्छी डिमांड और मार्केटिंग के अच्छे तरीकों से बिक्री बढ़ी है। सबसे ज्यादा ग्रोथ इंटरमीडिएट गुड्स में देखी गई, उसके बाद कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर गुड्स का नंबर आता है। इंटरमीडिएट गुड्स वो सामान होते हैं जो दूसरी चीजें बनाने में इस्तेमाल होते हैं। कैपिटल गुड्स जैसे मशीनें और उपकरण होते हैं। कंज्यूमर गुड्स वो चीजें हैं जो लोग सीधे इस्तेमाल करते हैं, जैसे कपड़े और खाना।

विदेशों में भी बढ़ी मांग

एचएसबीसी के अनुसार, भारत में बनी चीजों के लिए इंटरनेशनल ऑर्डर्स भी बढ़े हैं, लेकिन यह ग्रोथ पहले के महीनों की तुलना में थोड़ी धीमी है। हालांकि, ओवरसीज डिमांड में यह बढ़ोतरी ऐतिहासिक रूप से काफी मजबूत है। मतलब, दूसरे देशों से भी भारत में बनी चीजों की डिमांड आ रही है।

मैन्युफैक्चरर्स ने बताया कि उन्हें एशिया, यूरोप, मिडिल ईस्ट और अमेरिका जैसे अलग-अलग देशों से नए ऑर्डर्स मिल रहे हैं। इससे पता चलता है कि भारत में बनी चीजें पूरी दुनिया में पसंद की जा रही हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कच्चे माल का स्टॉक बढ़ रहा है। साथ ही, तैयार माल का स्टॉक भी 8 महीने बाद पहली बार बढ़ा है। इसका मतलब है कि कंपनियां ज्यादा सामान बना रही हैं और उन्हें स्टोर भी कर रही हैं।

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