भारत ने पहली बार जारी की जीन-संपादित धान की दो किस्में, 30% तक अधिक उपज संभव

Edited By Updated: 05 May, 2025 01:53 PM

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भारत ने रविवार को दो नई जीन-संपादित धान की किस्में — ‘कमला (DRR धन-100)’ और ‘पुसा डीएसटी राइस 1’ — जारी की हैं। यह विश्व में पहली बार है जब ऐसी किस्में सार्वजनिक रूप से पेश की गई हैं। इनसे प्रति हेक्टेयर उत्पादन में 30% तक वृद्धि संभव है, साथ ही ये...

बिजनेस डेस्कः भारत ने रविवार को दो नई जीन-संपादित धान की किस्में — ‘कमला (DRR धन-100)’ और ‘पुसा डीएसटी राइस 1’ — जारी की हैं। यह विश्व में पहली बार है जब ऐसी किस्में सार्वजनिक रूप से पेश की गई हैं। इनसे प्रति हेक्टेयर उत्पादन में 30% तक वृद्धि संभव है, साथ ही ये मौजूदा किस्मों की तुलना में 15-20 दिन कम समय में पक जाएंगी।

कम जल उपयोग और पर्यावरण को राहत

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ये किस्में कम पानी में भी उगाई जा सकती हैं और पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करेंगी।

पुराने लोकप्रिय किस्मों का उन्नत संस्करण

ICAR के वैज्ञानिकों ने 2018 में शुरू हुए शोध के तहत ‘सांबा मसूरी’ और ‘MTU1010’ जैसी प्रचलित किस्मों को जीन-संपादन तकनीक से सुधार कर ये नई किस्में तैयार कीं। ‘कमला’ ने फील्ड ट्रायल में 5.37 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन दिया, जो ‘सांबा मसूरी’ की तुलना में 19% अधिक है।

इन राज्यों में होगी सिफारिश

दोनों किस्में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सिफारिश की गई हैं।

IPR पंजीकरण और भविष्य की योजनाएं

इन किस्मों को जल्द ही बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के तहत पंजीकृत किया जाएगा और शुरुआती बिक्री सरकारी एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी।

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