Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Oct, 2019 04:38 PM
वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई हुई है। पिछले दिनों IMF ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि करीब 90 फीसदी देशों की विकास दर इस साल कम रहेगी और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था पर इसका असर अब साफ-साफ दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
नई दिल्लीः वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई हुई है। पिछले दिनों IMF ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि करीब 90 फीसदी देशों की विकास दर इस साल कम रहेगी और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था पर इसका असर अब साफ-साफ दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच सालों में (2024 तक) GDP का आकार लगभग दोगुना कर 5 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है।
ग्रोथ रेट बढ़ने की पूरी संभावना
भारत का ग्रोथ रेट भले ही इस वित्त वर्ष में घट गया है लेकिन अगले वित्त वर्ष से इसमें तेजी की संभावना जताई गई है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पांच सालों के बाद वैश्विक GDP में योगदान के मामले में भारत अमेरिका से आगे निकल जाएगा।
चीन का योगदान भी घटेगा
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन का योगदान 2018 के 32.70 फीसदी के मुकाबले गिरकर 28.30 फीसदी पर पहुंच जाएगा, जबकि ग्लोबल GDP ग्रोथ रेट घटकर 3 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान जताया गया है। पांच साल बाद भारत का योगदान करीब 15.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है, जबकि अमेरिका का योगदान 13.8 फीसदी (2018-19) से घटकर 9.2 फीसदी पर पहुंच जाएगा।
ट्रेड वॉर का बुरा असर
इस रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेड वॉर का GDP पर बुरा असर पड़ा है। इंटरनैशनल ट्रेड में अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है, जिसका असर अगले पांच सालों तक दिखाई देगा। बात अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की करें तो वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष से ग्रोथ रेट में तेजी आएगी। 2021 में ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी और संभव है कि 2022 में यह 7.2 फीसदी तक पहुंच जाए।