क्विक कॉमर्स में भारत का दम, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बना

Edited By Updated: 24 Nov, 2025 04:49 PM

india s strength in quick commerce becomes the third largest market

भारत राजस्व के आधार पर क्विक कॉमर्स के लिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। स्टेटिस्टा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चीन और अमेरिका जैसे दिग्गजों से काफी पीछे है लेकिन जापान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे परिपक्व बाजारों को पीछे...

नई दिल्लीः भारत राजस्व के आधार पर क्विक कॉमर्स के लिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। स्टेटिस्टा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चीन और अमेरिका जैसे दिग्गजों से काफी पीछे है लेकिन जापान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे परिपक्व बाजारों को पीछे छोड़ चुका है।

रिपोर्ट का अनुमान है कि 2025 से 2030 के बीच भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्विक कॉमर्स बाजार होगा। इस दौरान सेक्टर 15.5% की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ेगा। तुलना में अमेरिका में यह वृद्धि 6.72% और चीन में 7.9% रहने की उम्मीद है।

क्विक कॉमर्स में निवेश जुटाने के मामले में भी भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है। मार्केटिंग और मीडिया अलायंस–पब्लिसिस कॉमर्स के अध्ययन के अनुसार, पिछले एक दशक में भारत ने 6.8 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया है। यह अमेरिका के 7.9 अरब डॉलर से कम है लेकिन जर्मनी (4.6 अरब डॉलर), ब्रिटेन (2.4 अरब डॉलर) और तुर्किये (2.5 अरब डॉलर) से अधिक है।

2025 में वैश्विक क्विक कॉमर्स बाजार का अनुमानित आकार 198.06 अरब डॉलर होगा, जिसमें 2.71% हिस्सेदारी भारत की होगी। अगले पांच वर्षों में भारतीय बाजार का राजस्व 5.38 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 11.08 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इससे भारत की वैश्विक हिस्सेदारी भी बढ़कर 4% हो जाएगी।

स्टेटिस्टा का अनुमान है कि 2030 तक भारत में क्विक कॉमर्स उपयोगकर्ताओं की संख्या 6.5 करोड़ तक पहुंच सकती है, जिससे वैश्विक उपभोक्ता आधार में भारत की हिस्सेदारी 7% तक हो जाएगी। इस समय चीन 92.6 अरब डॉलर के अनुमानित राजस्व के साथ दुनिया का सबसे बड़ा क्विक कॉमर्स बाजार है, जबकि अमेरिका 62 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। दोनों देशों की संयुक्त हिस्सेदारी कुल वैश्विक बाजार के 78% से अधिक है।

दिलचस्प बात यह है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में क्विक कॉमर्स की रफ्तार धीमी है। जापान चौथा सबसे बड़ा बाजार है, उसके बाद दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और ताइवान का नंबर आता है। पश्चिमी देशों में सिर्फ ब्रिटेन ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जबकि फ्रांस, जर्मनी और इटली में अभी तक इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली है।

भारत में ब्लिंकइट, जेप्टो, इंस्टामार्ट, फ्लिपकार्ट मिनट्स और बिगबास्केट जैसी प्रमुख कंपनियां पहले ही 70 से 100 से ज्यादा शहरों में अपना नेटवर्क फैला चुकी हैं। एमएमए–पब्लिसिस के अनुसार देश में करीब 2 करोड़ सक्रिय क्विक कॉमर्स खरीदार हैं। तेज डिलीवरी के लिए कंपनियां 4,600 से अधिक डार्क स्टोर्स का संचालन कर रही हैं और इनके मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता 40–50 लाख के बीच हैं। 

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