Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jul, 2025 04:06 PM

भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में मजबूती दिखाई है। वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा (MER) के अनुसार, घरेलू मांग, व्यापार और सेवाओं की गतिविधियों में मजबूती, और दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी शुरुआत ने आर्थिक गति को बनाए...
नई दिल्लीः भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में मजबूती दिखाई है। वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा (MER) के अनुसार, घरेलू मांग, व्यापार और सेवाओं की गतिविधियों में मजबूती और दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी शुरुआत ने आर्थिक गति को बनाए रखा है।
महंगाई में राहत, 6.5 साल में सबसे निचले स्तर पर
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित हेडलाइन महंगाई दर जून 2025 में घटकर सिर्फ 2.1% रह गई, जो पिछले 77 महीनों में सबसे निचला स्तर है। खासकर सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
रोजगार में मजबूती, EPFO में रिकॉर्ड सदस्यता
श्वेतपोश (white-collar) नौकरियों में सालाना आधार पर दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। ईपीएफओ (EPFO) ने मई 2025 में इतिहास में सबसे अधिक नेट नए सदस्य जोड़े, जो श्रम बाजार की मजबूती को दर्शाता है।
विदेश व्यापार स्थिर, रेमिटेंस ने बनाया रिकॉर्ड
भारत का विदेशी क्षेत्र (external sector) भी मजबूत रहा। वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात सालाना आधार पर 5.9% बढ़ा। वहीं, विदेशी रेमिटेंस (प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजी गई धनराशि) FY25 में $135.5 बिलियन तक पहुंच गई, जो 14% की वृद्धि है। इसने घरेलू खपत को भी सहारा दिया।
राजकोषीय मोर्चे पर सुधार
सरकार ने खर्च की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान देते हुए राजकोषीय अनुशासन (fiscal consolidation) की दिशा में प्रगति की है। FY22 से FY26 के बीच पूंजीगत व्यय और राज्यों को दिए गए अनुदानों में दोगुनी वृद्धि का अनुमान है।
आगे कुछ चुनौतियां भी
रिपोर्ट में कुछ सावधानियों की ओर भी इशारा किया गया है:
- क्रेडिट ग्रोथ सुस्त बनी हुई है।
- निजी निवेश की गति धीमी है, भले ही ब्याज दरों में नरमी और बैंक बैलेंस शीट मजबूत हो।
- अमेरिका की टैरिफ नीति में अनिश्चितता व्यापार पर असर डाल सकती है।