Edited By ,Updated: 02 Feb, 2016 12:48 PM

बिजली की खपत के मामले में किफायती एलईडी बल्ब को अब सरकार ऑनलाइन बेचने की योजना बना रही है।
नई दिल्लीः बिजली की खपत के मामले में किफायती एलईडी बल्ब को अब सरकार ऑनलाइन बेचने की योजना बना रही है। मोदी सरकार ने एलईडी बल्ब से जुड़ी योजना DELP (डॉमेस्टिक एफिशंट लाइटिंग प्रोग्राम) के लिए ऑनलाइन शॉपिंग पॉर्टल्स से अनुबंध किया है।
ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत इस पहल का संचालन करने वाली इकाई एनर्जी एफिशंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) ने हाल ही में देश के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेलर्स में से एक स्नैपडील से इन बल्बों को बेचने के लिए समझौता किया है।
उल्लेखनीय है कि सीएफएल और परंपरागत बल्बों को एलईडी बल्बों से बदलने की मोदी सरकार की योजना को EESL ही ज़मीन पर उतारने का काम कर रही है। यह योजना बड़े पैमाने पर ऊर्जा की खपत और पैसों के दुरुपयोग के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करने में कारगर है।
स्नैपडील के साथ हुआ यह समझौता सरकार को इस योजना की मार्कीटिंग और डिस्ट्रिब्यूशन का 5000 शहरों और कस्बों तक प्रसार करने में मदद करेगा। एक अनुमान के मुताबिक EESL अब तक 5.6 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण कर चुका है, जिसके चलते हर दिन करीब 1735 मैगावॉट बिजली की खपत को कम कर दिया है। ऊर्जा बचत की यह मात्रा दिल्ली की कुल खपत का एक तिहाई है और इसकी लागत करीब 7000 करोड़ रुपए तक है। वहीं कार्बन उत्सर्जन के संदर्भ में बात करें तो इसने 16,092 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन को प्रतिदिन कम किया है।
गौरतलब है कि सरकार की योजना देश में मौजूद सभी 77 करोड़ परंपरागत बल्बों को एलईडी बल्बों से बदलने की है, जो कि 20 हजार मैगावॉट या 105 बिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत करेगा। इससे 80 मिलियन टन प्रतिवर्ष कम कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन होगा जबकि बिजली खर्च पर करीब 40,000 करोड़ रुपए की सालाना बचत होगी।