Share Market jumps:लगातार 5वें दिन रॉकेट बना शेयर बाजार, इन 4 कारणों से न‍िवेशकों की चांदी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Mar, 2025 03:35 PM

market rocketed for the 5th consecutive day investors made money

हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी द‍िन लगातार पांचवें दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी का स‍िलस‍िला जारी रहा। प‍िछले हफ्ते बाजार में ग‍िरावट देखे जाने के बाद इस हफ्ते बीएसई सेंसेक्‍स और एनएसई न‍िफ्टी दोनों ने पूरे हफ्ते हरे न‍िशान के साथ कारोबार क‍िया। कारोबार...

बिजनेस डेस्कः हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी द‍िन लगातार पांचवें दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी का स‍िलस‍िला जारी रहा। प‍िछले हफ्ते बाजार में ग‍िरावट देखे जाने के बाद इस हफ्ते बीएसई सेंसेक्‍स और एनएसई न‍िफ्टी दोनों ने पूरे हफ्ते हरे न‍िशान के साथ कारोबार क‍िया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 77,000 के लेवल को क्रॉस कर लिया था। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 557 अंकों की बढ़त के साथ 76,905 के स्तर पर जबकि निफ्टी 159 अंक मजबूत हुआ और ये 23,350 के लेवल पर बंद हुआ।

चार लाख करोड़ रुपए बढ़ा मार्केट कैप

बीएसई में ल‍िस्‍टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.31 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 412.92 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। जुलाई 2022 के बाद से शेयर बाजार में यह सबसे अच्छा हफ्ता रहा।

बाजार में तेजी के कारण........

FII का बढ़ता निवेश 

बीते कुछ महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने बाजार में दोबारा रुचि दिखानी शुरू कर दी है। पिछले चार सत्रों में से दो में एफपीआई ने भारी खरीदारी की, जिससे बाजार में सकारात्मक रुख बना है। 20 मार्च को एफपीआई ने 3,239 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जिससे उनके निवेश के प्रति रुख में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वी. के. विजयकुमार के अनुसार, इस हफ्ते निफ्टी में 3.5% की तेजी आई है, जो 2 अप्रैल को लागू होने वाले नए टैक्स नियमों की तैयारी के बीच महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

ब्याज दरों में संभावित कटौती से बाजार को सपोर्ट

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने फिलहाल ब्याज दरों को स्थिर रखा है लेकिन 2025 के अंत तक दो बार कटौती के संकेत दिए हैं। हालांकि, फेड ने बढ़ती महंगाई के चलते अपने अनुमान को संशोधित किया है, लेकिन ब्याज दरों में संभावित कटौती से सख्त मौद्रिक नीति को लेकर चिंता कम हुई है। अमेरिकी ब्याज दरों में गिरावट से डॉलर कमजोर होता है, जिससे उभरते बाजारों, खासकर भारत जैसे देशों में विदेशी निवेश आकर्षित होने की संभावना बढ़ जाती है।

यूएस बॉन्ड यील्ड में गिरावट का असर

अमेरिका के 10 साल के ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड फरवरी के मध्य में करीब 4.5% से घटकर 4.25% हो गई है, जबकि दो साल के बॉन्ड की यील्ड 4.28% से गिरकर 3.97% हो गई है। साथ ही, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 104 के नीचे ट्रेंड कर रहा है, जिससे उभरते बाजारों में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है। कमजोर डॉलर और बॉन्ड यील्ड में गिरावट भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं और इससे विदेशी निवेशकों का झुकाव भारतीय बाजारों की ओर बढ़ सकता है।

तकनीकी संकेतकों के मुताबिक बाजार में तेजी जारी रहेगी

एंजल वन के टेक्निकल और डेरिवेटिव रिसर्च हेड समीट चव्हाण के अनुसार, बाजार में तेजी का रुख हावी है। निफ्टी लगातार चौथे सत्र में मजबूत बना हुआ है और गिरते चैनल पैटर्न को तोड़ चुका है। इससे संकेत मिलते हैं कि आने वाले समय में भी बाजार में मजबूती बनी रह सकती है।

Related Story

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!