Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Nov, 2025 05:42 PM

मॉरिशस ने अपने सब्सिडी वाले खाद्य कार्यक्रम को स्थिर रखने और पाकिस्तान से आयात पर निर्भरता घटाने के लिए भारत से करीब 33,000 टन चावल आयात करने का दीर्घकालिक समझौता करने की तैयारी शुरू कर दी है।
बिजनेस डेस्कः मॉरिशस ने अपने सब्सिडी वाले खाद्य कार्यक्रम को स्थिर रखने और पाकिस्तान से आयात पर निर्भरता घटाने के लिए भारत से करीब 33,000 टन चावल आयात करने का दीर्घकालिक समझौता करने की तैयारी शुरू कर दी है।
मॉरिशस स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (STC) के चेयरमैन टेकेश लक्खो ने बताया कि भारत द्वारा 2023 में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तान प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गया था। अब भारत ने यह प्रतिबंध हटा लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच पुराने व्यापारिक रिश्तों को फिर से मजबूत करने का मौका मिला है।
लक्खो ने कहा, “हम स्थिति को फिर से भारत की ओर मोड़ना चाहते हैं। प्रतिबंध के दौरान भी सीमित मात्रा में चावल भारत से आया था लेकिन वह पर्याप्त नहीं था।” मॉरिशस को हर साल लगभग 33,000 टन सफेद चावल की जरूरत होती है, जिसमें से 1,000 टन बासमती और 32,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल होता है। सरकार इस चावल को 13 लाख से अधिक नागरिकों को बेहद सब्सिडी वाली दरों पर उपलब्ध कराती है।
लक्खो ने बताया कि 2.5 किलो का चावल पैकेट मॉरिशस के ₹26 में बेचा जाता है, जबकि खुला बाजार मूल्य करीब ₹56 है। मॉरिशस का एक रुपया लगभग 1.94 भारतीय रुपए के बराबर है।
हाल ही में प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं। इस समझौते से न केवल मॉरिशस की खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि भारत को भी अपने कृषि निर्यात में एक नई मजबूती मिलेगी।