Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Apr, 2021 11:25 AM
तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और सहयोगी देश तेल उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है। ओपेक ने गुरुवार को कहा कि वे मई से जुलाई के दौरान 20 लाख बैरल प्रतिदिन तक तेल उत्पादन बढ़ाएंगे। उन्होंने...
बिजनेस डेस्कः तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और सहयोगी देश तेल उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है। ओपेक ने गुरुवार को कहा कि वे मई से जुलाई के दौरान 20 लाख बैरल प्रतिदिन तक तेल उत्पादन बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि वे सतर्क रुख अपनाते हुए कोविड-19 महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था में पुनरूद्धार के साथ कदम उठा रहे हैं। महामारी के दौरान मांग घटने से कीमत में गिरावट को थामने के इरादे से ओपेक और सहयोगी देशों ने पिछले साल उत्पादन घटाने का निर्णय किया था।
अब समूह ने मई से जुलाई के दौरान प्रतिदिन 20 लाख बैरल तेल उत्पादन बढ़ाने का निर्णय किया है। समूह मई में साढ़े तेल लाख बैरेल प्रतिदिन, साढ़े तीन लाख बैरल प्रतिदिन जून में और चार लाख बैरल जुलाई में बढ़ाएंगे। इस बीच, सऊदी अरब ने कहा कि वह खुद से 10 लाख बैरल प्रतिदिन अतिरिक्त उत्पादन की बहाली करेगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने की थी अपील
इससे पहले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओपेक देशों से अपील की थी कि कच्चे तेल के दाम में स्थिरता लाने के लिए वह उत्पादन पर लागू बंदिशों को कम करें। उनका मानना था कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ते कच्चे तेल के दाम से आर्थिक क्षेत्र में आने वाला सुधार और मांग दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है।
ओपेक देशों की बैठक के बाद भारत के आग्रह के बारे में पूछे गए सवाल पर सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजीज बिन सलमान ने कहा था कि भारत को पिछले साल काफी कम दाम पर खरीदे गए कच्चे तेल के भंडार में से कुछ तेल का इस्तेमाल कर लेना चाहिए।
तेल के दामों में राहत
पिछले कुछ दिनों से देश में तेल के दामों से लोगों को राहत मिली है। देश की प्रमुख पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है। इस प्रकार पूरे पश्चिम बंगाल सहित 5 राज्यों में चुनाव के चलते मार्च महीने में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।