Silver Hits Record High: रिकॉर्ड तोड़ रही चांदी की कीमतें, दे चुकी है इतना रिटर्न, 2026 में भी कर सकती है कमाल

Edited By Updated: 22 Dec, 2025 01:58 PM

silver prices are breaking records could continue to perform remarkably well in

चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड-तोड़ तेजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। साल 2025 में अब तक चांदी निवेशकों को 100% से ज्यादा रिटर्न दे चुकी है और जानकारों का मानना है कि आगे भी इसमें मजबूती बनी रह सकती है। इसकी बड़ी वजह निवेशकों की मजबूत मांग और...

बिजनेस डेस्कः चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड-तोड़ तेजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। साल 2025 में अब तक चांदी निवेशकों को 100% से ज्यादा रिटर्न दे चुकी है और जानकारों का मानना है कि आगे भी इसमें मजबूती बनी रह सकती है। इसकी बड़ी वजह निवेशकों की मजबूत मांग और वैश्विक स्तर पर सप्लाई की कमी बताई जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 68 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच चुकी हैं, जो अब तक का नया रिकॉर्ड है। विश्लेषकों का अनुमान है कि मार्च 2026 तक चांदी की कीमत 70 से 80 डॉलर प्रति औंस के दायरे में पहुंच सकती है। विशेषज्ञों की सलाह है कि कीमतों में हल्की गिरावट आने पर खरीदारी का मौका देखा जा सकता है। साल 2025 में अब तक चांदी करीब 127.5% का रिटर्न दे चुकी है।

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एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?

एमके ग्लोबल की रिसर्च एनालिस्ट रिया सिंह के अनुसार, लंदन और चीन में फिजिकल चांदी की सप्लाई घटने से कीमतों में तेज उछाल आया है। अमेरिका को निर्यात बढ़ने और COMEX पर ऊंचे प्रीमियम के कारण फिजिकल मार्केट में कमी और गहरी हो गई है। इसके साथ ही चांदी ETF में बढ़ता निवेश भी सप्लाई दबाव को बढ़ा रहा है।

वहीं, JM Financial Services के कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर का कहना है कि रिटेल निवेशकों और HNI की ETF में भारी खरीदारी के चलते फिजिकल चांदी का बड़ा स्टॉक लॉक हो गया है। यह स्टॉक फिलहाल करीब दो साल की वैश्विक खपत के बराबर बताया जा रहा है।

औद्योगिक मांग ने भी दिया सपोर्ट

चांदी की तेजी सिर्फ निवेश मांग तक सीमित नहीं है। सोने की तरह ही महंगाई के दौर में निवेशक कीमती धातुओं की ओर रुख कर रहे हैं लेकिन चांदी का औद्योगिक इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ा है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और AI से जुड़ी टेक्नोलॉजी में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे कीमतों को अतिरिक्त सपोर्ट मिल रहा है।

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आगे कीमतें क्यों और बढ़ सकती हैं?

कोटक सिक्योरिटीज की कमोडिटी रिसर्च की असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट कायनात चैनवाला का कहना है कि 2026 से चीन चांदी के निर्यात पर पाबंदियां लगाने की योजना बना रहा है। इससे वैश्विक सप्लाई और सीमित हो सकती है।

वहीं, आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के कमोडिटी और करेंसी डायरेक्टर नवीन माथुर के अनुसार, 2026–27 तक सप्लाई की कमी बनी रह सकती है। हालांकि 2025 की तुलना में कीमतों की रफ्तार थोड़ी धीमी हो सकती है लेकिन 2026 की पहली तिमाही में चांदी के सोने से बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है।
 

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