Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Aug, 2025 03:55 PM

अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद बाजार में बनी अनिश्चितता ने रुपए को दबाव में ला दिया है। 29 अगस्त को दोपहर के कारोबार में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 87.6963 पर खुलने के बाद 87.9763 तक गिर...
बिजनेस डेस्कः अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद बाजार में बनी अनिश्चितता ने रुपए को दबाव में ला दिया है। 29 अगस्त को दोपहर के कारोबार में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 87.6963 पर खुलने के बाद 87.9763 तक गिर गया।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी हेड एवं कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, “टैरिफ संबंधी चिंताओं, MSCI की निकासी, डॉलर की मजबूत मांग और महीने के अंत में आयी डिमांड ने रुपए को रिकॉर्ड लो तक धकेल दिया। आरबीआई मौजूद है लेकिन करेंसी की दिशा फिलहाल नहीं बदल रही।”
डॉलर इंडेक्स में उछाल
डॉलर इंडेक्स में मजबूती और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बेहतर आंकड़ों ने रुपए पर दबाव बढ़ाया। अमेरिकी GDP का दूसरा तिमाही अनुमान पहले से ज्यादा बेहतर आया है और उपभोक्ता खर्च में मजबूती दिखी है। इसके चलते वैश्विक बाजारों में डॉलर की मांग बढ़ी।
अमेरिका-भारत रिश्तों पर उम्मीद
इस बीच, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने 28 अगस्त को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टिप्पणी दोहराई कि “भारत रूसी तेल से मुनाफा कमा रहा है।” हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि भारी टैरिफ लगाए जाने के बावजूद भारत और अमेरिका अंततः किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे।