Gold Price Shock: गोल्ड ने तोड़ा 46 साल का रिकॉर्ड, 1979 के बाद सबसे तेज उछाल, कीमतों में तेजी का ये है कारण

Edited By Updated: 22 Dec, 2025 11:33 AM

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सोने ने साल 2025 में ऐसी रफ्तार पकड़ी है, जिसने बाजार के पुराने सारे रिकॉर्ड फीके कर दिए हैं। 1979 के बाद यह गोल्ड की सबसे तेज और तूफानी रैली मानी जा रही है। स्पॉट गोल्ड ने अक्टूबर 2025 में बने $4,381.4 प्रति औंस के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और...

बिजनेस डेस्कः सोने ने साल 2025 में ऐसी रफ्तार पकड़ी है, जिसने बाजार के पुराने सारे रिकॉर्ड फीके कर दिए हैं। 1979 के बाद यह गोल्ड की सबसे तेज और तूफानी रैली मानी जा रही है। स्पॉट गोल्ड ने अक्टूबर 2025 में बने $4,381.4 प्रति औंस के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और अब तक साल में 45 से ज्यादा बार नया ऑल-टाइम हाई बना चुका है।

तेजी की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गोल्ड ने सिर्फ 36 दिनों में $3,500 से $4,381 तक का सफर तय कर लिया यानी महज कुछ हफ्तों में करीब 14% की छलांग। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह 1979 के बाद गोल्ड की सबसे मजबूत सालाना परफॉर्मेंस है।

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गोल्ड में इतनी तेजी क्यों?

गोल्ड की इस ऐतिहासिक रैली के पीछे कई बड़े ग्लोबल फैक्टर एक साथ काम कर रहे हैं।

  • फेड रेट कट की उम्मीदें: अमेरिका का नवंबर CPI डेटा 2.7% पर आने से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें मजबूत हुई हैं।
  • कमजोर डॉलर: डॉलर इंडेक्स में गिरावट से गोल्ड जैसे एसेट्स ज्यादा आकर्षक बन गए हैं।
  • सेंट्रल बैंकों की रिकॉर्ड खरीदारी: चीन और रूस जैसे देश लगातार अपने गोल्ड रिज़र्व बढ़ा रहे हैं।
  • जियोपॉलिटिकल टेंशन: ट्रेड वॉर, मिडिल ईस्ट तनाव और वैश्विक अनिश्चितता ने गोल्ड को सेफ हेवन बना दिया है।
  • इन्फ्लेशन हेज: महंगाई से बचाव के तौर पर भी निवेशक गोल्ड की ओर रुख कर रहे हैं।

भारतीय बाजार पर असर

ग्लोबल मार्केट में सोना $4,350 के ऊपर पहुंचते ही घरेलू बाजार में भी रिकॉर्ड देखने को मिले। MCX गोल्ड ₹1,13,000 से ₹1,15,000 प्रति 10 ग्राम के ऑल-टाइम हाई के आसपास ट्रेड करता दिखा। एक महीने में ही घरेलू कीमतों में 6–7% की तेजी दर्ज की गई।

शादी और त्योहारों के सीजन के चलते फिजिकल डिमांड भी बढ़ी है, हालांकि हॉलमार्किंग नियमों और इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से प्रीमियम ऊंचा बना हुआ है, जिससे आम खरीदारों पर बोझ बढ़ा है।

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2026 में कहां तक जाएगा गोल्ड?

अगर फेड की रेट कट्स का सिलसिला जारी रहता है, तो 2026 में गोल्ड $4,000–$4,500 के दायरे में बना रह सकता है। हालांकि बीच-बीच में 10–15% तक का करेक्शन भी देखने को मिल सकता है।

इसके बावजूद एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गोल्ड का स्ट्रक्चरल बुल मार्केट अभी खत्म नहीं हुआ है।

  • Goldman Sachs ने 2026 के अंत तक $4,900 प्रति औंस का बेस-केस टारगेट दिया है।
  • बैंक का अनुमान है कि Q4 2026 तक औसत कीमत $5,055 प्रति औंस रह सकती है, जिसकी वजह सेंट्रल बैंकों की मजबूत खरीदारी और ETF इनफ्लो हैं।
  • JPMorgan और Bank of America भी गोल्ड को लेकर बुलिश हैं और $5,000 से ऊपर के लेवल देख रहे हैं।

सिल्वर भी रेस में

गोल्ड के साथ-साथ सिल्वर ने भी $50 प्रति औंस का स्तर पार कर लिया है। ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल और AI-डेटा सेंटर जैसी टेक्नोलॉजी में बढ़ती मांग से सिल्वर को अतिरिक्त सपोर्ट मिल रहा है। 

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