Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Sep, 2025 11:11 AM

लोग अपने पैसों को अलग-अलग जगह निवेश करते हैं। कुछ स्कीम्स में रिटर्न कम मिलता है तो कुछ में कम। ज्यादा जोखिम उठाने वाले लोग एसआईपी (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाते हैं। यह निवेश का ऐसा तरीका है जिसमें छोटी-छोटी रकम लगाकर भी लंबी अवधि में...
बिजनेस डेस्कः लोग अपने पैसों को अलग-अलग जगह निवेश करते हैं। कुछ स्कीम्स में रिटर्न कम मिलता है तो कुछ में कम। ज्यादा जोखिम उठाने वाले लोग एसआईपी (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाते हैं। यह निवेश का ऐसा तरीका है जिसमें छोटी-छोटी रकम लगाकर भी लंबी अवधि में करोड़ों रुपए बनाए जा सकते हैं।
व्हाइटओक कैपिटल म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2016 में एसआईपी के जरिए 3,497 करोड़ रुपए आए थे। अगस्त 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 28,265 करोड़ रुपए तक पहुंच गया यानी पिछले नौ वर्षों में एसआईपी से आने वाला पैसा लगभग आठ गुना बढ़ गया है। रिपोर्ट का कहना है कि यह आंकड़े निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दिखाते हैं।
कितना मिला रिटर्न?
अगस्त 1996 से अगस्त 2025 के बीच एसआईपी से सबसे ज्यादा 55.6% और सबसे कम -24.6% रिटर्न मिला। हालांकि औसतन रिटर्न 14 से 16% के बीच रहा है, जो निवेश की अवधि पर निर्भर करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, लंबी अवधि तक निवेश करने वालों को लगभग हमेशा फायदा हुआ है। 3 साल की एसआईपी में 88% बार पॉजिटिव रिटर्न मिला, जबकि 10 और 15 साल की अवधि में यह आंकड़ा लगभग 100% रहा।
मार्केट टाइमिंग नहीं, निरंतरता है जरूरी
रिपोर्ट यह भी बताती है कि निवेश का सही समय चुनने से ज्यादा जरूरी है निवेश को लगातार जारी रखना। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने जनवरी 2008 में 10,000 रुपए की मंथली एसआईपी शुरू की होती, तो अगस्त 2025 तक उसका कुल निवेश 21.2 लाख रुपए बढ़कर 75.23 लाख रुपए हो जाता। इस पर लगभग 13% का XIRR रिटर्न मिलता।
किस कैटेगरी ने दिया ज्यादा रिटर्न?
दिलचस्प रूप से, मिड-कैप एसआईपी ने लंबी अवधि में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इनका औसत रिटर्न 17.4% रहा, जबकि लार्ज-कैप में 13% और स्मॉल-कैप में 14.7% का रिटर्न मिला।