Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Sep, 2025 02:51 PM

देश के छोटे चाय उत्पादकों (एसटीजी) ने सरकार से हरी चाय की पत्तियों के लिए न्यूनतम टिकाऊ मूल्य (एमएसपी) लागू करने की मांगी की ताकि आय एवं प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में उनका परिचालन टिकाऊ हो सके। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों से हाल ही में...
कोलकाताः देश के छोटे चाय उत्पादकों (एसटीजी) ने सरकार से हरी चाय की पत्तियों के लिए न्यूनतम टिकाऊ मूल्य (एमएसपी) लागू करने की मांगी की ताकि आय एवं प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में उनका परिचालन टिकाऊ हो सके। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों से हाल ही में मुलाकात करने वाले छोटे चाय उत्पादकों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भारत के करीब 2.5 लाख छोटे चाय उत्पादक देश में उत्पादित कुल चाय फसल में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान देते हैं।
एसटीजी ने 35 रुपए प्रति किलोग्राम का एमएसपी मांगा है, जिससे उन्हें संकटपूर्ण बिक्री से सुरक्षा मिलेगी। भारतीय लघु चाय उत्पादक संघों के परिसंघ (सीआईएसटीए) के अध्यक्ष बिजॉय गोपाल चक्रवर्ती ने कहा कि मंत्रालय जमीनी स्तर पर अध्ययन कराएगा तथा निष्पक्ष एवं पारदर्शी एमएसपी कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय मूल्य निर्धारण समिति गठित करेगा।
सीआईएसटीए ने यह भी मांग की कि एसटीजी को कृषि किसानों के समान माना जाना चाहिए और उन्हें केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। चक्रवर्ती ने कहा कि मंत्रालय का मानना है कि एसटीजी उद्योग की रीढ़ हैं और उन्हें सरकार से सभी नीतिगत समर्थन मिलेगा।