Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Sep, 2025 04:49 PM

पिछले एक साल में सोने ने 50.1% का शानदार रिटर्न दिया है, जबकि शेयर बाजार (बीएसई सेंसेक्स) इसी अवधि में 1.2% गिर गया। सिर्फ हाल का ही नहीं, बल्कि पिछले 3, 5, 10 और 20 सालों में भी सोने का प्रदर्शन घरेलू शेयर बाजार से बेहतर रहा है।
बिजनेस डेस्कः पिछले एक साल में सोने ने 50.1% का शानदार रिटर्न दिया है, जबकि शेयर बाजार (बीएसई सेंसेक्स) इसी अवधि में 1.2% गिर गया। सिर्फ हाल का ही नहीं, बल्कि पिछले 3, 5, 10 और 20 सालों में भी सोने का प्रदर्शन घरेलू शेयर बाजार से बेहतर रहा है।
क्यों महंगा हो रहा सोना?
विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने की तेजी की बड़ी वजह वैश्विक सेंट्रल बैंकों की भारी खरीदारी और महंगाई से बचाव की मांग है। अभी भी करीब 25% सोना सेंट्रल बैंक ही खरीद रहे हैं। वे इसे अमेरिकी ट्रेजरी के विकल्प और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता से बचाव के लिए डाइवर्सिफिकेशन टूल मान रहे हैं।
इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती और डॉलर की कमजोरी ने भी सोने को निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि हाल की तेज रैली के बाद आगे सोने में बढ़त सीमित हो सकती है। निवेश पोर्टफोलियो में 10-15% सोने को रखना सही माना जा रहा है लेकिन पिछले साल जैसे ऊंचे रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
सोना-चांदी रिकॉर्ड स्तर पर
कॉमेक्स पर हाल ही में सोने की कीमत $3,715.2 प्रति ट्रॉय औंस तक पहुंच गई, जो अब तक का रिकॉर्ड है। वहीं चांदी 14 साल में पहली बार $43 के पार पहुंच गई है।
क्या अब इक्विटी में बनेगा मौका?
एडलवाइस म्यूचुअल फंड के आंकड़ों के मुताबिक, सोना बनाम सेंसेक्स रेशियो इस समय 0.76 है, जबकि इसका लंबी अवधि का औसत 0.96 रहा है। इसका मतलब है कि इक्विटी में निवेश अब ज्यादा आकर्षक हो सकता है।
इतिहास भी यही बताता है—जब यह रेशियो 0.8 से नीचे गया है, तो अगले तीन सालों में सेंसेक्स ने औसतन 25.12% रिटर्न दिया है, जबकि सोने ने सिर्फ 7.21% यानी लंबे समय में इक्विटी बेहतर साबित हो सकता है, जबकि सोना महंगाई से बचाव के लिए जरूरी है।