Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 May, 2025 04:05 PM

भारत सरकार द्वारा सुरक्षा कारणों से तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी Çelebi Airport Services India की मंजूरी रद्द किए जाने का सीधा असर उसकी मूल कंपनी पर दिखाई देने लगा है। भारत की कार्रवाई के एक दिन बाद, 16 मई को इस्तांबुल स्टॉक एक्सचेंज में Çelebi...
बिजनेस डेस्कः भारत सरकार द्वारा सुरक्षा कारणों से तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी Çelebi Airport Services India की मंजूरी रद्द किए जाने का सीधा असर उसकी मूल कंपनी पर दिखाई देने लगा है। भारत की कार्रवाई के एक दिन बाद, 16 मई को इस्तांबुल स्टॉक एक्सचेंज में Çelebi के शेयरों में लगभग 10% की गिरावट दर्ज की गई। शेयर 222 अंक टूटकर 2,002 तुर्की लीरा पर बंद हुए। बीते चार कारोबारी सत्रों में कंपनी के शेयरों में लगभग 30% की गिरावट आ चुकी है।
भारत में 9 बड़े एयरपोर्ट्स पर कर रही थी संचालन
Çelebi पिछले 15 वर्षों से भारत में संचालन कर रही थी और दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, गोवा, अहमदाबाद, कोचीन और कन्नूर जैसे 9 प्रमुख हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं दे रही थी। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने कंपनी की भारतीय इकाई की सुरक्षा मंजूरी को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
दिल्ली एयरपोर्ट ने भी तोड़ा अनुबंध
सुरक्षा मंजूरी रद्द होने के बाद दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने भी Çelebi से अपने ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवा अनुबंध समाप्त कर दिए हैं। DIAL ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अन्य सेवा प्रदाताओं के साथ संचालन को जारी रखेगा और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेगा।
तुर्की-पाकिस्तान संबंध बना कारण?
इस कार्रवाई को हालिया तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन से भी जोड़ा जा रहा है। तुर्की ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की आलोचना की थी, जो पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के खिलाफ किया गया था। इसी दौरान खबरें आई थीं कि पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन में तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया। इसके बाद भारत में कंपनी के खिलाफ राजनीतिक और सुरक्षा स्तर पर दबाव बढ़ा।
कंपनी ने किया तुर्की से संबंध होने से इनकार
Çelebi Airport Services India ने बयान जारी कर कहा है कि वह स्वतंत्र भारतीय इकाई है और उसका किसी भी विदेशी सरकार या व्यक्ति से कोई सीधा संबंध नहीं है। कंपनी ने दावा किया कि वह वैश्विक मानकों के अनुसार संचालन करती है और भारतीय विमानन क्षेत्र के प्रति उसकी प्रतिबद्धता अटूट है।
शिकायतों के बाद मंत्रालय ने की कार्रवाई
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोळ ने बताया कि कंपनी के खिलाफ देशभर से शिकायतें आ रही थीं और कई स्थानों से इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी थी। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देते हुए कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई है।"