Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jun, 2025 12:16 PM

भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली लगातार मजबूत हो रही है और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब रोजमर्रा के लेन-देन का अहम हिस्सा बन चुका है। हालांकि, इस सुविधा के साथ एक नया खतरा तेजी से उभर रहा है- UPI ऑटो-पे स्कैम, जो सीधे आपके बैंक खाते को निशाना...
बिजनेस डेस्कः भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली लगातार मजबूत हो रही है और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब रोजमर्रा के लेन-देन का अहम हिस्सा बन चुका है। हालांकि, इस सुविधा के साथ एक नया खतरा तेजी से उभर रहा है- UPI ऑटो-पे स्कैम, जो सीधे आपके बैंक खाते को निशाना बना सकता है।
क्या है UPI ऑटो-पे स्कैम?
UPI ऑटो-पे एक सुविधा है जिसमें उपभोक्ता की सहमति से बिजली बिल, मोबाइल रिचार्ज, इंश्योरेंस प्रीमियम जैसी सेवाओं के लिए नियत तारीख पर अपने आप पेमेंट हो जाता है। मगर अब साइबर अपराधी इसी सिस्टम का गलत इस्तेमाल कर लोगों को चूना लगा रहे हैं।
स्कैम के प्रमुख तरीके
फर्जी लिंक के ज़रिए ठगी: स्कैमर SMS, ईमेल या सोशल मीडिया पर फर्जी लिंक भेजते हैं। क्लिक करते ही ऑटो-पे रिक्वेस्ट सक्रिय हो जाती है और खाते से पैसे कटने लगते हैं।
फर्जी कॉल से ठगी: अपराधी खुद को बैंक अधिकारी बताकर UPI पिन या OTP मांगते हैं। जैसे ही यूजर ये जानकारी देता है, पैसा कट जाता है।
सस्ते सब्सक्रिप्शन का झांसा: कम दाम के ऑफर या सब्सक्रिप्शन के नाम पर ऑटो-पे चालू करवाया जाता है, जिससे हर महीने पैसा कटता रहता है।
कैशबैक/डिस्काउंट का लालच: यूजर को लुभावने ऑफर दिखाकर ऑटो-पे मंजूर करवाया जाता है, जिससे ठगी की जाती है।
कैसे करें बचाव?
- अंजान लिंक से दूर रहें: किसी भी अनजान स्रोत से आए लिंक पर क्लिक न करें।
- UPI पिन/OTP गोपनीय रखें: किसी को भी यह जानकारी न दें, चाहे वह बैंक अधिकारी ही क्यों न हो।
- रिक्वेस्ट की जांच करें: किसी भी ऑटो-पे रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले सत्यापित करें।
- सेटिंग्स नियमित रूप से जांचें: अपने UPI ऐप की ऑटो-पे सेटिंग्स समय-समय पर चेक करें।
- फ्रॉड की रिपोर्ट करें: अगर ठगी हो जाए तो UPI ऐप और बैंक में तुरंत शिकायत दर्ज करें।
UPI का बढ़ता उपयोग
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, साल 2024 में UPI के जरिए ₹20.64 लाख करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ। जनवरी 2025 में यह आंकड़ा ₹23.48 लाख करोड़ तक पहुंच गया। ये रिकॉर्ड UPI की लोकप्रियता को दर्शाते हैं लेकिन इसके साथ साइबर फ्रॉड भी तेजी से बढ़े हैं।