Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jul, 2025 05:50 PM

कर्नाटक के एक छोटे सब्जी विक्रेता को 29 लाख रुपए का जीएसटी नोटिस मिलने से हड़कंप मच गया है। मामला हावेरी जिले का है, जहां पिछले चार सालों से सब्जी बेच रहे शंकरगौड़ा को यह भारी-भरकम टैक्स चुकाने का आदेश मिला है।
बिजनेस डेस्कः कर्नाटक के एक छोटे सब्जी विक्रेता को 29 लाख रुपए का जीएसटी नोटिस मिलने से हड़कंप मच गया है। मामला हावेरी जिले का है, जहां पिछले चार सालों से सब्जी बेच रहे शंकरगौड़ा को यह भारी-भरकम टैक्स चुकाने का आदेश मिला है।
शंकरगौड़ा म्युनिसिपल हाई स्कूल ग्राउंड के पास एक छोटी सी सब्जी की दुकान चलाते हैं। उनका कहना है कि वह सीधे किसानों से ताजी सब्जियां खरीदते हैं और ग्राहकों को बेचते हैं। लेन-देन का अधिकतर हिस्सा डिजिटल माध्यम—जैसे UPI और मोबाइल वॉलेट—से होता है। शंकरगौड़ा ने दावा किया कि उन्होंने सभी इनकम टैक्स रिटर्न समय पर भरे हैं और उनके रिकॉर्ड पूरी तरह से सही हैं लेकिन जीएसटी विभाग ने पिछले चार वर्षों में उनके अकाउंट में हुए करीब 1.63 करोड़ रुपए के डिजिटल ट्रांजैक्शन के आधार पर 29 लाख रुपए का जीएसटी नोटिस जारी कर दिया है। इससे दुकानदार हैरान और परेशान है क्योंकि ताजी सब्जियों पर जीएसटी नहीं लगता।
जीएसटी नियमों के अनुसार, अगर कोई विक्रेता सीधे किसानों से सब्जियां खरीदकर बिना प्रोसेसिंग किए उन्हें बेचता है, तो वह जीएसटी के दायरे में नहीं आता।
विशेषज्ञों का कहना है, यह नोटिस शायद ट्रांजैक्शन वैल्यू को देखकर ऑटोमैटिक जनरेट हुआ है। चूंकि लेन-देन डिजिटल था और टर्नओवर एक तय सीमा से ऊपर गया, इसलिए विभाग ने जांच के लिए नोटिस भेजा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक जीएसटी विभाग अब उन व्यापारियों पर नजर रख रहा है जो UPI से बड़े पैमाने पर भुगतान लेते हैं और बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के कारोबार कर रहे हैं। फिलहाल, शंकरगौड़ा ने अपील करने की बात कही है और उम्मीद है कि सही दस्तावेज पेश कर वो खुद को नोटिस से मुक्त करवा पाएंगे।