Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Oct, 2022 12:57 PM
ऑल इंडिया होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) पर आधारित थोक महंगाई की वार्षिक दर में सितंबर महीने में राहत देखने को मिली है। भारत सरकार की ओर से जारी WPI के आंकड़ों के अनुसार सितंबर में थोक महंगाई दर 10.7% दर्ज की गई है।
बिजनेस डेस्कः ऑल इंडिया होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) पर आधारित थोक महंगाई की वार्षिक दर में सितंबर महीने में राहत देखने को मिली है। भारत सरकार की ओर से जारी WPI के आंकड़ों के अनुसार सितंबर में थोक महंगाई दर 10.7% दर्ज की गई है। अगस्त 2022 में यह आंकड़ा 12.41 प्रतिशत था। वहीं, सितंबर 2021 में यह दर 11.80 प्रतिशत थी। थोक महंगाई सितंबर में लगातार चौथे महीने गिरावट दर्ज की गई। यह 18 महीनों के सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि, पिछले डेढ़ साल से यह 10 फीसदी के स्तर से ऊपर बनी हुई है। सितंबर महीने में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति में आई तेज गिरावट खाद्य पदार्थों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में कमी आने के कारण दर्ज की गई है। बता दें कि शुक्रवार को वाणिज्य मंत्रालय की ओर से थोक महंगाई दर से जुड़े आंकड़ं जारी किए हैं।
सितंबर में बढ़ी खुदरा महंगाई
दूसरी तरफ सितंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर में बढ़त देखने को मिली है और खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत से बढ़कर 7.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसके साथ ही खुदरा महंगाई 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक अपनी नीतियों के लिए खुदरा महंगाई दर पर ही नजर रखता है। रिजर्व बैंक के लिए खुदरा महंगाई दर की सीमा 2 से 6 प्रतिशत के बीच है और बीते कई महीनों से खुदरा महंगाई दर इससे ऊपर ही बनी हुई है। यही वजह है कि रिजर्व बैंक दरों में बढ़ोतरी कर रहा है।