Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jan, 2021 12:33 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से 5, 10 और 100 रुपए के पुराने नोटों को लेकर एक अहम जानकारी दी गई है। आरबीआई के अनुसार, मार्च-अप्रैल के बाद से ये सभी पुराने नोट चलन से बाहर हो जाएंगे। यह जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से 5, 10 और 100 रुपए के पुराने नोटों को लेकर एक अहम जानकारी दी गई है। आरबीआई के अनुसार, मार्च-अप्रैल के बाद से ये सभी पुराने नोट चलन से बाहर हो जाएंगे। यह जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जनरल मैनेज बी महेश की ओर से दी गई है। दरअसल आरबीआई ने जानकारी दी है कि वह इन पुराने नोटों की सीरीज को वापस लेने की योजना पर काम कर रही है।
समय-समय पर नकली नोटों के खतरे को टालने के लिए रिजर्व बैंक पुरानी सीरीज के नोटों को बंद कर देता है। अधिकृत ऐलान के बाद बंद किए गए सभी पुराने नोटों को बैंक में जमा कराना होता है। जमा कराए गए कुल नोटों की कीमत बैंक खाते में जमा कर देती है या नया नोट दे देती है।
100 रुपए का पुराना नोट भी चलता रहेगा
2 साल पहले आरबीआई ने 100 का नया नोट जारी किया था। 100 रुपए का नया नोट गहरे बैंगनी रंग का है और इस पर ऐतिहासिक स्थल रानी की वाव को जगह दी गई है। इसे रानी की बावड़ी भी कहा जाता है। रानी की वाव गुजरात के पाटन जिले में स्थित है। यूनेस्को (UNESCO) ने 4 साल पहले 2014 को रानी की वाव को विश्व विरासत में शामिल किया था। यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार रानी की वाव सरस्वती नदी से जुड़ी है। यूनेस्को ने इसे बावड़ियों की रानी की उपाधि दी है। बी महेश ने कहा कि नए नोट जारी होने के बावजूद पुराने 100 रुपए के नोट भी चलते रहेंगे, उसे भी वैध करेंसी माना जाएगा।
10 रुपए के सिक्के बने RBI के लिए सिरदर्द
10 रुपए के सिक्के रिजर्व बैंक के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। 10 रुपए का सिक्का आज से 15 साल पहले लाया गया था लेकिन दुकानदार और कारोबारी आज भी इसको लेने से इनकार कर रहे हैं। इसकी वैधता को लेकर अफवाह फैलाई जाती है। जिसकी वजह रिजर्व बैंक के पास 10 रुपए के सिक्कों का पहाड़ खड़ा हो गया है। इस पर आरबीआई के Assistant General Manager बी महेश (B Mahesh) ने कहा है कि सभी बैंक को 10 रुपए के सिक्के के बारे में लोगों को जागरुक करना चाहिए कि इस सिक्के को बंद करने की कोई योजना नहीं है और न ही नकली सिक्के का कोई खतरा है। 10 रुपए की कीमत का सिक्का पहले की तरह ही बाजार में चलता रहे, इसके लिए बैंक को हर संभव कोशिश करनी चाहिए।