अब 108 भ्रष्टाचारी राजस्व अफसर होंगे चार्जशीट, सी.एम. से मंजूरी का इंतजार

Edited By ashwani,Updated: 12 Jun, 2025 11:11 PM

now 108 corrupt revenue officers will be charged

चार्जशीट होने वालों में डी.आर.ओ., तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल  पटवारियों और दलालों की सूची के बाद बड़े स्तर पर अफसरों पर होगी कार्रवाई

चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय): हरियाणा सरकार अब भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन में आ गई है। राजस्व विभाग में 370 भ्रष्ट पटवारी और 404 दलालों की लिस्ट के बाद अब 108 तहसीलदार, नायब तहसीलदार और जिला राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है। सभी सबूतों और अन्य दस्तावेजों की जांच के बाद अब इन अफसरों को चार्जशीट करने की तैयारी कर ली गई है। बताया गया कि राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने भी अफसरों पर कार्रवाई के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। अब उक्त फाइल को आखिरी मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास भेजा गया है। संभावना है कि अगले सप्ताह तक मुख्यमंत्री से मंजूरी के बाद अफसरों पर चार्जशीट की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। 


बता दें कि विभाग की ओर से 150 से ज्यादा अफसरों की सूची तैयार की गई थी, जिसमें से पहले चरण में 108 अफसरों को चार्जशीट करने के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी की गई है।  गौरतलब है कि राजस्व विभाग के अफसरों के खिलाफ खुफिया विभाग के इनपुट में कहा गया था कि इन अधिकारियों ने गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की हैं। खास तौर पर धारा 7ए को अनदेखा किया। फिर रुपए लेकर वहां रजिस्ट्री कर दी। सरकार को इनके पास आय से अधिक प्रॉपर्टी होने का भी शक है। पटवारियों और दलालों की लिस्ट लीक होने के बाद सरकार ने इन भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट को पूरी तरह से सीक्रेट रखा है। हालांकि, उनकी तैनाती के जिलों के अधिकारियों को नाम भेज कर पहले ही रिपोर्ट तलब कर ली गई थी।  


पहले भी नोटिस दिए, कार्रवाई नहीं हुई 
नियम 7ए का उल्लंघन कर बिना एन.ओ.सी. के रजिस्ट्रियों का मामला पहले भी सरकार के पास आया था। तब तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों को नोटिस जारी किए गए। तब उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था मगर, इसके बाद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब ये माना गया कि दबाव और ऊंची पहुंच की वजह से सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था। राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक खुफिया इनपुट से इसके तार रजिस्ट्री घोटाले से भी जुड़ रहे हैं। यह घोटाला जुलाई 2020 में कोरोना काल के दौरान हुआ था। तब सरकार ने विशेष जांच समिति (एस.आई.टी.) गठित की थी। उनकी रिपोर्ट में 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा कानूनगो, लेखा परीक्षकों, रजिस्ट्री क्लर्कों और पटवारियों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को भू-माफिया या रियल एस्टेट एजैंटों की सुविधा के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए दोषी ठहराया था।  
 

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