Edited By Mehak,Updated: 19 Dec, 2025 01:21 PM

साल 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक तेजी देखी गई है, जिससे निवेशकों का रुझान शेयर बाजार से हटकर सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर बढ़ गया है। चांदी ने साल भर में लगभग 135 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की, जबकि सोना लगातार नई ऊंचाइयों को छूता...
नेशनल डेस्क : साल 2025 में सोने-चांदी के दामों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है, जिससे निवेशकों का रुझान शेयर बाजार से हटकर सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर बढ़ गया है। इस दौरान चांदी ने लगभग 135% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की है, जबकि सोना लगातार नई ऊंचाइयों पर ट्रेड करता रहा। लेकिन, आज शुक्रवार के शुरुआती कारोबारी दौर में सर्राफा बाजार में गिरावट आई है।
सोना-चांदी के ताजा भाव
चांदी का भाव लगभग 2,11,100 रुपये प्रति किलो पर है।
- मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,34,850 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,23,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रहा है (जीएसटी और मेकिंग चार्ज अलग)।
- दिल्ली और जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,35,000 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,23,760 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास है।
- अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना 1,34,900 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,23,660 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है।
- पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में 24 कैरेट सोना 1,34,850 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,23,610 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
अंतरराष्ट्रीय संकेत
स्विस कस्टम्स के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में स्विट्ज़रलैंड से सोने के निर्यात में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। भारत को अक्टूबर में 26 टन सोना निर्यात किया गया था, लेकिन नवंबर में यह घटकर सिर्फ 2 मीट्रिक टन रह गया। इसके विपरीत, चीन और अन्य देशों को सोने का निर्यात 2 टन से बढ़कर 12 टन हो गया।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, बढ़ती महंगाई और सुरक्षित संपत्तियों की ओर निवेशकों की बढ़ती रुचि के चलते सोना-चांदी लंबे समय तक मजबूत बने रह सकते हैं। हालांकि, अल्पकाल में मुनाफावसूली के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
सोने और चांदी की कीमत कैसे तय होती है
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं। डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव का सीधा असर भारत में कीमतों पर पड़ता है।
- भारत में सोने का अधिकतर हिस्सा आयातित होता है, इसलिए सीमा शुल्क, GST और स्थानीय टैक्स कीमतों को प्रभावित करते हैं।
- वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बढ़ने पर निवेशक शेयर और अस्थिर संपत्तियों के बजाय सोने जैसे सुरक्षित विकल्प चुनते हैं।
- भारत में सोना परंपरा और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा है। शादी, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना आम है, जिससे मांग और कीमतें प्रभावित होती हैं।
- महंगाई बढ़ने या शेयर बाजार में जोखिम होने पर सोने में निवेश सुरक्षित और लाभकारी विकल्प माना जाता है।