Bhadrapada Purnima 2025: पूर्णिमा की रात की गई ये गलतियां, मां लक्ष्मी को कर सकती हैं नाराज

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 07:00 AM

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Bhadrapada Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन चंद्रमा की पूर्ण कला का प्रतीक होता है और इसे शुभता, समृद्धि व आध्यात्मिक उन्नति का दिन माना जाता है। विशेष रूप से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए पूर्णिमा...

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Bhadrapada Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। यह दिन चंद्रमा की पूर्ण कला का प्रतीक होता है और इसे शुभता, समृद्धि व आध्यात्मिक उन्नति का दिन माना जाता है। विशेष रूप से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए पूर्णिमा की रात अत्यंत फलदायक मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा-पाठ करने से देवी लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। लेकिन अगर इस शुभ रात्रि में कुछ विशेष बातों का ध्यान न रखा जाए, तो देवी लक्ष्मी नाराज़ भी हो सकती हैं और व्यक्ति के जीवन से सुख-समृद्धि दूर हो सकती है। आज हम आपको बताएंगे कि पूर्णिमा की रात किन 5 कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

झाड़ू लगाना और कचरा बाहर फेंकना
पूर्णिमा की रात झाड़ू लगाना और घर का कचरा बाहर फेंकना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस रात ऐसा करने से घर की लक्ष्मी बाहर चली जाती है। शास्त्रों में भी उल्लेख है कि रात के समय झाड़ू लगाने से धन हानि होती है और मां लक्ष्मी का वास घर से हट सकता है। विशेषकर पूर्णिमा जैसे शुभ अवसर पर, जब सकारात्मक ऊर्जा अपने चरम पर होती है, तो ऐसे कर्म करने से उसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।

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नकारात्मक विचार और क्रोध करना
पूर्णिमा की रात मानसिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है। इस दिन यदि व्यक्ति नकारात्मक सोचता है, गुस्सा करता है या किसी से झगड़ा करता है, तो यह ऊर्जा उसके जीवन में असंतुलन पैदा कर सकती है। क्रोध करने से न केवल मानसिक शांति भंग होती है, बल्कि यह मां लक्ष्मी की कृपा से भी आपको वंचित कर सकता है। इसलिए इस दिन संयम, शांति और सकारात्मकता बनाए रखना अति आवश्यक है।

मांसाहार और नशा करना
पूर्णिमा जैसे पवित्र दिन पर मांसाहार करना या नशे का सेवन करना शास्त्रों में वर्जित माना गया है। यह दिन तप, साधना और ध्यान का होता है, जिसमें शरीर और मन दोनों की पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। माँ लक्ष्मी शुद्धता की प्रतीक हैं और अशुद्ध कर्म करने वालों से दूर हो जाती हैं। इसलिए इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और मानसिक व शारीरिक पवित्रता का पालन करना चाहिए।

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झूठ बोलना या धोखा देना
पूर्णिमा की रात सत्य का मार्ग अपनाना बेहद जरूरी होता है। झूठ बोलना, किसी को धोखा देना, छल-कपट करना ये सभी पाप कर्म माने गए हैं, और पूर्णिमा के दिन इनका प्रभाव कई गुना अधिक हानिकारक होता है। यदि इस दिन कोई व्यक्ति छल करता है तो उसके जीवन में दरिद्रता का आगमन हो सकता है। मां लक्ष्मी सत्य और धर्म की आराधना से प्रसन्न होती हैं, इसलिए इस दिन सच्चाई का साथ देना चाहिए।

दीया बुझाना या अंधेरा रखना
पूर्णिमा की रात विशेष रूप से प्रकाश की होती है। चंद्रमा की पूर्ण रोशनी के साथ, घर में भी उजाला बनाए रखना शुभ माना जाता है। अगर इस रात घर में अंधकार है या जान-बूझकर दीपक बुझा दिया जाता है, तो यह देवी लक्ष्मी का अपमान माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, माँ लक्ष्मी को प्रकाश अति प्रिय है। अतः इस दिन घर में दीपक जलाना, विशेषकर तुलसी के पास, मुख्य द्वार पर और पूजा घर में, शुभ फलदायक होता है।

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