Bhishma Panchak: शास्त्रों से जानें, पंचक को अशुभ और भीष्म पंचक को क्यों माना जाता है शुभ ?

Edited By Updated: 01 Nov, 2025 07:35 AM

bhishma panchak

Bhishma Panchak 2025: सामान्य पंचक में शुभ कार्य निषिद्ध होते हैं लेकिन भीष्म पंचक को मोक्षदायक पंचक कहा गया है। इस अवधि में किए गए दान, व्रत और भगवान विष्णु की पूजा से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और आत्मा को शुद्धता प्राप्त होती है।

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Bhishma Panchak 2025: सामान्य पंचक में शुभ कार्य निषिद्ध होते हैं लेकिन भीष्म पंचक को मोक्षदायक पंचक कहा गया है। इस अवधि में किए गए दान, व्रत और भगवान विष्णु की पूजा से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और आत्मा को शुद्धता प्राप्त होती है।

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Bhishma Panchaka Classical Reasons भीष्म पंचक शास्त्रीय कारण:
चातुर्मास का समापन इस काल में होता है। भगवान विष्णु के जागरण (देवउठनी एकादशी) के बाद यह काल अत्यंत शुभ माना जाता है। इस समय की गई भक्ति, तुलसी पूजा, दीपदान और मंत्रजाप से विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।

Rules and worship procedure for Bhishma Panchak Vrat भीष्म पंचक व्रत के नियम व पूजा विधि
संकल्प: कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर “भीष्म पंचक व्रत” का संकल्प लें।

Bhishma Panchak fasting rules भीष्म पंचक उपवास नियम:
पांचों दिन केवल “हविष्य” (फल, दूध, और सात्त्विक आहार) का सेवन करें।
तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज और अनाज से परहेज़ रखें।

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Bhishma Panchak Puja Method भीष्म पंचक पूजा विधि:
भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण, तुलसी माता और भीष्म पितामह की पूजा करें।
दीपदान करें — आकाश दीप जलाना विशेष शुभ माना जाता है।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “भीष्म स्तुति” का जाप करें।

Bhishma Panchak charity and good deeds भीष्म पंचक दान-पुण्य:
इन पांच दिनों में वस्त्र, अन्न, दीप, और तुलसीदान से असीम पुण्य प्राप्त होता है। भीष्म पितामह का तर्पण करना अत्यंत शुभ फलदायक है।

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Spiritual significance of Bhishma Panchak भीष्म पंचक का आध्यात्मिक महत्व
यह पंचक आत्मशुद्धि, क्षमा, और भक्ति का काल है। जो व्यक्ति श्रद्धा से व्रत करता है, उसे धन, आरोग्य, और मोक्ष तीनों की प्राप्ति होती है। कहा गया है कि इस काल में किया गया एक पुण्यकर्म सामान्य दिनों के हज़ार गुना फल देता है।

भीष्म पंचक 2025 केवल व्रत का काल नहीं, बल्कि धर्म, भक्ति और आत्मबल का पर्व है। यह समय हमें भीष्म पितामह की अटल प्रतिज्ञा, सत्य और धर्मपालन की प्रेरणा देता है। यदि आप पूरे कार्तिक माह का व्रत नहीं कर पाए हैं, तो केवल इन 5 दिनों का व्रत करके भी आप विष्णु कृपा, आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष का मार्ग प्राप्त कर सकते हैं।

यः पञ्चकं चरति भक्तियुक्तः, विष्णोः प्रसीदत्यनपायभावः
जो व्यक्ति श्रद्धा से भीष्म पंचक का व्रत करता है, उसे भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है।

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