मृत्यु के समय पास हो ये चीज़ें तो यमराज नहीं देते दंड

Edited By Jyoti,Updated: 01 May, 2021 04:36 PM

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सनातन धर्म या हिंदू धर्म में ऐसे कई ग्रंथ को शास्त्र हैं जिनमें मानव जीवन से जुड़ी बहुत सी बातें वर्णित हैं।  इन्हीं में से एक है गरुड़ पुराण, व्यक्ति की मृत्यु से जुड़ी  बातें बताई गई हैं।

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सनातन धर्म या हिंदू धर्म में ऐसे कई ग्रंथ को शास्त्र हैं जिनमें मानव जीवन से जुड़ी बहुत सी बातें वर्णित हैं।  इन्हीं में से एक है गरुड़ पुराण, व्यक्ति की मृत्यु से जुड़ी  बातें बताई गई हैं। यही कारण है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो सनातन धर्म के अनुसार उस  व्यक्ति को मुक्ति दिलाने के लिए उसके घर में गरुड़ पुराण का पाठ रखा जाता है आपको इसी में बताई गई ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर किसी मरने वाले इंसान के पास इन 4 चीजों में से कोई एक ही चीज होती है तो यमराज उस व्यक्ति को दंड नहीं देते। जी हां यूं तो हम में से कोई भी व्यक्ति नहीं जानता की मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है, अरे इतना तो सब जानते हैं कि जीवन में जो भी व्यक्ति कर्म करता है अच्छे हैं बुरे उसे उसका फल भोगना पड़ता है। यानी मृत्यु के बाद हमारी आत्मा के साथ क्या होगा यह हमारे कर्मों पर निर्भर करता है लेकिन शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति के पास मरते समय कुछ खास चीजें होती हैं तो यमराज उन्हें उनके पापों के लिए माफ कर देते हैं, अभी चीजें क्या है आइए जानते-

सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को एक बहुत ही पावन पौधा माना जाता है। तो वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार तुलसी श्री विष्णु के शालिग्राम स्वरूप की अर्धांगिनी मानी जाती है। गरुड़ पुराण के अनुसार तुलसी का पौधा अगर मरने वाले के सर के पास होता है तो उस मनुष्य की आत्मा शरीर त्यागने के बाद यमराज के दंड से मुक्त हो जाती हैं। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि अगर मरने वाले व्यक्ति के माथे पर तुलसी की पत्तियां रख दी जाए तो उसे प्राण छोड़ने में आसानी होती है।

इसके अलावा मृत्यु के समय अगर व्यक्ति के मुंह में गंगाजल प्राण त्यागने से ठीक पहले डाल दिया जाए तो शरीर तो पवित्र होता ही है साथ ही साथ उस व्यक्ति की आत्मा भी पागल हो जाती है तथा यमलोक में जाकर उसे किसी भी तरह का दंड नहीं भोगना पड़ता है। यही कारण है कि लगभग लोग अपने किसी परिजन के आखिरी पलों में उसके मुंह में गंगाजल के साथ-साथ तुलसीदल जरूर डालते हैं।

मृत्यु की आखिरी पलों में श्री भागवत या अपने किसी धर्म रथ का पाठ करने से भी व्यक्ति को सभी सांसारिक मोह माया से छुटकारा मिलता है। कहा जाता है इससे आत्मा द्वारा शरीर त्यागने के बाद व्यक्ति को मुक्ति तो मिलती ही है साथ ही साथ यमदंड का सामना किए बिना ही उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है या पुनर्जन्म मिलता है।

आखिर में आती है अच्छी सोच,शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के  पास होने पर व्यक्ति को तथा आसपास वाले सगे संबंधियों को उसकी आत्मा के संबंध में अच्छे विचार रखने चाहिए। मरते हुए व्यक्ति को किसी भी प्रकार का क्रोध या संताप नहीं होना चाहिए बल्कि इस समय व्यक्ति के फोटो पर सिर्फ भगवान का जाप होना चाहिए।

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