Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Oct, 2025 02:13 PM

Golden Temple: गुरु रामदास जी सिख धर्म के चौथे गुरु का आज प्रकाश उत्सव है। गुरु रामदास जी और हरमंदिर साहिब सिख धर्म की आत्मा हैं। उनकी शिक्षाएं और यह पवित्र स्थल सेवा, भक्ति और मानवता का संदेश देते हैं। अमृतसर का गोल्डन टेम्पल सिख धर्म के लिए एक...
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Golden Temple: गुरु रामदास जी सिख धर्म के चौथे गुरु का आज प्रकाश उत्सव है। गुरु रामदास जी और हरमंदिर साहिब सिख धर्म की आत्मा हैं। उनकी शिक्षाएं और यह पवित्र स्थल सेवा, भक्ति और मानवता का संदेश देते हैं। अमृतसर का गोल्डन टेम्पल सिख धर्म के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है।
गुरु रामदास जी सिख धर्म के चौथे गुरु हैं। उनका जन्म 24 सितंबर 1534 को चूनियां गांव, वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था। गुरु रामदास जी ने सिखों के लिए सेवा, भक्ति और सामाजिक सुधार के अद्वितीय आदर्श स्थापित किए। उनका जीवन सदैव सेवा और नैतिकता के मार्ग पर आधारित रहा। उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने, शिक्षा को बढ़ावा देने और समाज में समानता कायम करने पर विशेष जोर दिया।
गुरु रामदास जी ने अमृतसर शहर की नींव रखी और इसे सिखों का धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाया। उनका योगदान केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा।

हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेम्पल) का निर्माण
गुरु रामदास जी ने अमृतसर में सरोवर (पवित्र झील) का निर्माण कराया और इसे चारों ओर से खोलकर लोगों के लिए खुला रखा। गुरु अर्जन देव जी, उनके पुत्र और पांचवे गुरु ने इसी सरोवर के बीच में हरमंदिर साहिब का भव्य निर्माण किया। सरोवर में स्नान करने को आध्यात्मिक शुद्धि माना जाता है। हरमंदिर साहिब में स्थित अकाल तख्त सिखों का सर्वोच्च धार्मिक एवं प्रशासनिक केंद्र भी है।

हरमंदिर साहिब का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह सभी धर्मों और जातियों के लोगों के लिए खुला है। इसकी सुनहरी झिलमिलाती चमक और शांत वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। यहां लगातार गुरबाणी का पाठ होता है और हर समय भक्तों के लिए लंगर चलता है। लंगर सेवा के माध्यम से गरीब, अमीर या किसी भी जाति के लोग एक साथ भोजन करते हैं, जो समानता और मानवता का संदेश देता है।

अमृतसर और सिख धर्म में महत्व
हरमंदिर साहिब केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सिख धर्म की पहचान और सांस्कृतिक धरोहर है। गुरु रामदास जी की दूरदर्शिता ने इसे दुनिया के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक बना दिया। आज लाखों श्रद्धालु हर साल अमृतसर आते हैं और गुरु रामदास जी के आदर्शों से प्रेरित होते हैं।
