Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Oct, 2025 06:18 AM

Gopashtami 2025: हिंदू धर्म में गोपाष्टमी का विशेष स्थान है। यह दिन गौमाता, बछड़ों और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। सात दिनों तक लगातार...
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Gopashtami 2025: हिंदू धर्म में गोपाष्टमी का विशेष स्थान है। यह दिन गौमाता, बछड़ों और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। सात दिनों तक लगातार वर्षा के बाद जब इंद्र देव ने हार स्वीकार की, उसी दिन से गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन गौ-सेवा, दान और गोपाल पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
Gopashtami 2025 Date गोपाष्टमी 2025 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर 2025 को सुबह 9:23 मिनट से होगी और समाप्ति 30 अक्टूबर 2025 को सुबह 10:06 मिनट पर होगी। इस वर्ष गोपाष्टमी का पर्व 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा। यह दिन मथुरा, वृंदावन, नंदगांव और बरसाना जैसे ब्रज क्षेत्रों में विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

गोपाष्टमी पर गायों की पूजा क्यों की जाती है ?
हिंदू शास्त्रों में गाय को सर्वदेवमयी कहा गया है यानी सभी देवी-देवताओं का वास उसमें होता है। गोपाष्टमी पर गायों और उनके बछड़ों को नहलाया, सजाया और पूजा जाता है। यह परंपरा न केवल उत्तर भारत में बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कई भागों में भी “गोवत्स द्वादशी” या “गोपाष्टमी उत्सव” के रूप में मनाई जाती है।

Gopashtami 2025 Puja Vidhi गोपाष्टमी 2025 पूजा विधि
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा का संकल्प लें।
पूजा स्थल को गोबर, फूलों, दीपक और रंगोली से सजाएं।
भगवान श्रीकृष्ण और गौमाता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
गाय को स्नान कराएं और उसके सींगों पर हल्दी, कुमकुम और फूलों की माला पहनाएं।
गुड़, हरा चारा, गेहूं, फल, जल और दीपक अर्पित करें।
“गोमाता की जय”, “गोपाल गोविंद जय जय” जैसे मंत्रों का जाप करें।
अंत में गाय की आरती करें और उसकी परिक्रमा करें।

Rules for observing Gopashtami fast and making donations. गोपाष्टमी व्रत और दान के नियम
इस दिन गौशाला में जाकर गायों को भोजन कराना, सेवा करना और दान देना सबसे शुभ कर्म माना गया है।
गाय, बछड़ा, चारा, पात्र या वस्त्र का दान करने से दीर्घायु, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।
व्रत करने वाले को श्रीकृष्ण गोपाष्टमी कथा अवश्य सुननी चाहिए। इससे पापों का नाश होता है और जीवन में शुभ फल मिलते हैं।
The spiritual message of Gopashtami गोपाष्टमी का आध्यात्मिक संदेश
गोपाष्टमी केवल गौपूजन का ही पर्व नहीं, बल्कि यह सेवा, कृतज्ञता और प्रकृति के संरक्षण का संदेश देता है। भगवान श्रीकृष्ण ने हमें सिखाया कि प्रकृति और जीवों की रक्षा करना ही सच्चा धर्म है।
गोपाष्टमी 2025 का यह पावन दिन गौमाता की सेवा, श्रीकृष्ण भक्ति और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ है। इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करने और गौ-सेवा करने से घर में सौभाग्य, शांति और समृद्धि का वास होता है।
