छठ पूजा 2019: स्नान और दान दोनों का है खास महत्व

Edited By Lata,Updated: 01 Nov, 2019 11:24 AM

importance of chhath puja

हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा का पर्व बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। बता दें कि ये खासकर पूर्वांचल,

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हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा का पर्व बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। बता दें कि ये खासकर पूर्वांचल, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है। यह पूजा नहाए खाए के साथ शुरू होती है और पूरे 3 दिनों तक चलती है। इस दौरान सूर्य पूजा का खास महत्व होता है और इसके साथ ही व्रत में स्नान का भी महत्व होता है। आज हम आपको िस दिन पर किए जाने वाले स्नान व दान के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। 
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धर्म शास्त्रों में सुबह के समय स्नान को चार उपनाम दिए गए हैं, मुनि स्नान जो सुबह 4 से 5 के बीच किया जाता है। इस समय स्नान करने से घर में सुख,शांति,समृद्धि,विद्या,बल,आरोग्य,चेतना आती है।

देव स्नान जो सुबह 5 से 6 के बीच किया जाता है। जिससे आपके जीवन में यश, कीर्ति, धन, वैभव, सुख, शान्ति, संतोष आता है।
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मानव स्नान जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है।  इसको करने से काम में सफलता, भाग्य, अच्छे कर्मों की सूझ, परिवार में एकता आदि रहती है।

राक्षसी स्नान जो सुबह 8 के बाद किया जाता है वह दरिद्रता, हानि, कलेश, धन हानि, परेशानी आदि प्रदान करता है ।

शास्त्रों के अनुसार मुनि स्नान सर्वोत्तम है, देव स्नान उत्तम है, मानव स्नान सामान्य है और राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है इसलिए किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नहीं करना चाहिए।
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छठ के समय खासकर जो घर की स्त्रियां होती हैं चाहे वो स्त्री मां के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बहन के रूप में हो उनको सूरज के निकलने से पहले ही स्नान कर लेना चाहिए। ऐसा करने से धन और वैभव लक्ष्मी सदैव आपके घर में वास करती हैं।

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