Edited By Sarita Thapa,Updated: 19 Dec, 2025 10:51 AM

आगामी 3 जनवरी 2026 से प्रयागराज की पावन रेती पर शुरू होने वाले माघ मेले के लिए भारतीय रेलवे ने एक विशेष कार्ययोजना तैयार की है। इस बार मेले में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने रिंग रेल सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है।
Magh Mela 2026 Ring Rail Facility : आगामी 3 जनवरी 2026 से प्रयागराज की पावन रेती पर शुरू होने वाले माघ मेले के लिए भारतीय रेलवे ने एक विशेष कार्ययोजना तैयार की है। इस बार मेले में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने रिंग रेल सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। यह सुविधा विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी जो झांसी, ग्वालियर, बांदा और अयोध्या जैसे शहरों से सीधे संगम पहुंचना चाहते हैं। महाकुंभ के सफल मॉडल से प्रेरणा लेते हुए, यह रिंग रेल प्रयागराज को केंद्र में रखकर आसपास के प्रमुख तीर्थों और शहरों को एक सूत्र में पिरोएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य मुख्य रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के दबाव को कम करना और श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र के अधिकतम निकट पहुंचाना है। अब भक्तों को न केवल आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि वे एक ही यात्रा में कई धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकेंगे।
क्या है यह 'रिंग रेल' सुविधा?
रिंग रेल एक ऐसी ट्रेन सेवा है जो शहर के मुख्य केंद्रों और बाहरी इलाकों को एक लूप (चक्र) में जोड़ती है। यह ट्रेन प्रयागराज को केंद्र मानकर आसपास के प्रमुख शहरों जैसे झांसी, ग्वालियर, बांदा, अयोध्या और वाराणसी को सीधे जोड़ेगी। इसका मुख्य उद्देश्य प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों के बढ़ते दबाव को कम करना है। श्रद्धालु अब सीधे अपने निकटतम छोटे स्टेशनों से मेला क्षेत्र के करीब पहुंच सकेंगे।
रिंग रेल की खास बातें और रूट
यह ट्रेन प्रयागराज से चलकर वाराणसी और अयोध्या होते हुए वापस प्रयागराज आएगी। इससे श्रद्धालु एक ही यात्रा में तीन प्रमुख तीर्थों के दर्शन कर सकेंगे। झांसी और ग्वालियर से प्रयागराज के लिए साप्ताहिक रिंग रेल सेवाएं (गाड़ी संख्या 01805/01806) जनवरी से फरवरी के बीच कुल 6-6 फेरे लगाएंगी। यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए इन ट्रेनों में आधुनिक एलएचबी कोच का उपयोग किया जाएगा। इसमें जनरल से लेकर एसी कोच तक की सुविधा होगी।
श्रद्धालुओं को कैसे मिलेगी राहत?
प्रयागराज जंक्शन पर एक साथ लाखों लोगों के जमा होने के बजाय, भीड़ अलग-अलग रूटों और स्टेशनों (जैसे झूंसी, प्रयाग संगम और सूबेदारगंज) पर बंट जाएगी। रिंग रेल सेवा के कारण यात्रियों को शहर के भीतर जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। महाकुंभ 2025 में इस मॉडल ने 12 लाख से ज्यादा यात्रियों को सेवा दी थी, जिसे अब माघ मेले में भी दोहराया जा रहा है।
प्रमुख स्नान तिथियां और ट्रेनों की सक्रियता
रेलवे ने 1 जनवरी से ही इन ट्रेनों की तैयारी पूरी कर ली है, जो 16 फरवरी 2026 तक सक्रिय रहेंगी। मुख्य रूप से मकर संक्रांति (14 जनवरी) और मौनी अमावस्या (18 जनवरी) के दौरान ट्रेनों की संख्या और फेरों में बढ़ोतरी की जाएगी।
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