Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Nov, 2025 10:51 AM

Mandir Ke Samne Kya Bole: अक्सर लोग किसी भी मंदिर के सामने से गुजरते समय भगवान को नमन करते हैं। यह उनकी श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन धर्मग्रंथों में बताया गया है कि केवल प्रणाम ही नहीं, बल्कि एक विशेष मंत्र का उच्चारण भी अत्यंत शुभ माना...
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Mandir Ke Samne Kya Bole: अक्सर लोग किसी भी मंदिर के सामने से गुजरते समय भगवान को नमन करते हैं। यह उनकी श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। लेकिन धर्मग्रंथों में बताया गया है कि केवल प्रणाम ही नहीं, बल्कि एक विशेष मंत्र का उच्चारण भी अत्यंत शुभ माना जाता है, चाहे व्यक्ति मंदिर के भीतर प्रवेश करे या न करे। मान्यता है कि इस मंत्र को बोलने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनाए रहती है।
मंदिर के सामने से निकलते समय कौन-सा मंत्र बोलना चाहिए ?
ज्योतिष और धर्म experts के अनुसार, मंदिर के सामने से गुजरते समय 'प्रभु सदा सहायते' मंत्र का उच्चारण करना अत्यंत शुभ माना गया है। यह मंत्र किसी भी देवी-देवता के मंदिर के बाहर बोला जा सकता है। मान्यता है कि यह वाक्य प्रभु के प्रति विश्वास, समर्पण और आशीर्वाद की कामना का प्रतीक है।
क्यों बोला जाता है यह मंत्र ? जानें धार्मिक और ऊर्जा संबंधी कारण
सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ने का माध्यम
मंदिर के आसपास की ऊर्जा अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली होती है। जब कोई व्यक्ति मंदिर के समीप से गुजरते हुए 'प्रभु सदा सहायते' बोलता है, तो वह उस सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ जाता है। इससे मन को शांति मिलती है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं, दिनभर का मानसिक बोझ कम होता है।
भगवान का स्मरण तुरंत फल देता है
धार्मिक मान्यता है कि अचानक किया गया स्मरण भी अत्यंत प्रभावशाली होता है। माना जाता है कि इस मंत्र को बोलते ही व्यक्ति का मन दिव्य शक्ति से जुड़ता है, और आध्यात्मिक रूप से वह भगवान के और करीब आ जाता है। परिणामस्वरूप, भगवान जल्दी सुनते हैं और व्यक्ति को आशीर्वाद का अनुभव होता है।

आस्था और विश्वास मजबूत होता है
कठिन समय में आस्था ही इंसान को संभालती है। प्रभु सदा सहायते बोलने से यह एहसास होता है कि भगवान हमारे साथ हैं, हर परिस्थिति में वह हमारा मार्गदर्शन करेंगे। हम अकेले नहीं हैं यह विश्वास व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और चुनौतियों को पार करने की शक्ति देता है।
ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव होते हैं कम
ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि यह मंत्र नकारात्मक ग्रहों से राहत देता है, मानसिक तनाव कम करता है। इसके अलावा राहु-केतु, शनि जैसे ग्रहों का दुष्प्रभाव कम करने में मदद करता है
अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलता है
मंदिर के सामने यह मंत्र बोलना मन को साफ़ रखता है। यह प्रार्थना की तरह काम करता है कि—हे प्रभु, मुझे सही मार्ग दिखाएं और उत्तम कर्म करने की शक्ति दें। इससे व्यक्ति गलत कामों से दूर रहता है, अपने कर्तव्यों के प्रति और जागरूक होता है।
