Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Oct, 2025 02:00 PM

Masik Karthigai 2025: 10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को मासिक कार्तिगाई का पर्व है। मासिक कार्तिगई (Karthigai Deepam) दक्षिण भारत का एक पवित्र पर्व है, जो भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस दिन घरों में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह पर्व...
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Masik Karthigai 2025: 10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को मासिक कार्तिगाई का पर्व है। मासिक कार्तिगई (Karthigai Deepam) दक्षिण भारत का एक पवित्र पर्व है, जो भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस दिन घरों में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय, नकारात्मक ऊर्जा के नाश और सुख-समृद्धि की वृद्धि का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन दीपक जलाने से घर में दिव्य आभा और शांति का वास होता है। मासिक कार्तिगई पर दक्षिण-पूर्व दिशा में दीपक जलाना न केवल वास्तु अनुसार शुभ है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और शांति को आमंत्रित करता है। यह साधारण दीपक नहीं, बल्कि एक दिव्य प्रतीक है जो हमारे घर, मन और कर्म को प्रकाशित करता है।

Direction of the lamp according to Vastu Shastra वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक की दिशा का बहुत गहरा प्रभाव होता है। दीपक अग्नि तत्व का प्रतीक है और अग्नि की दिशा दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) मानी गई है। इसलिए, मासिक कार्तिगई के दिन दीपक हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में जलाना अत्यंत शुभ होता है।

यह दिशा भगवान अग्नि की दिशा है, जो शक्ति, उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक है। जब दीपक इस दिशा में जलाया जाता है, तो यह घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर कर धन, सौभाग्य और स्वास्थ्य की वृद्धि करता है।

Why is it important to pay attention to direction? क्यों जरूरी है दिशा का ध्यान रखना ?
हिंदू शास्त्रों में कहा गया है, “दिशा देवता सुख-दुःख के कारक हैं।” यदि दीपक गलत दिशा में रखा जाए तो उसका शुभ प्रभाव कम हो जाता है।
उत्तर दिशा में दीपक जलाने से ज्ञान और अवसर बढ़ते हैं।
पूर्व दिशा में जलाने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
पश्चिम दिशा में जलाने से स्थिरता आती है।
परंतु दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय कोण) में दीपक जलाना कार्तिगई दीपम पर सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि यह देव अग्नि और देवी लक्ष्मी दोनों को प्रसन्न करता है।
