Mata Vaishno Devi : अब श्रद्धालुओं को पर्ची की जगह मिलेगा RFID Tag

Edited By Updated: 16 Aug, 2022 10:19 AM

mata vaishno devi

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं में अतिरिक्त बढ़ावा करते हुए 60 साल पुराने यात्रा पर्ची सिस्टम को बदल दिया है। श्राइन बोर्ड प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधुनिक तकनीक से

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

कटड़ा (अमित): श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं में अतिरिक्त बढ़ावा करते हुए 60 साल पुराने यात्रा पर्ची सिस्टम को बदल दिया है। श्राइन बोर्ड प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधुनिक तकनीक से लैस आरएफआईडी टैग सिस्टम को रविवार सुबह शुरु कर दिया। हालांकि पहले दिन आरएफआईडी टैग लेने के लिए श्रद्धालुओं को अतिरिक्त समय तक लाइन में खड़ा होना पड़ा पर आने वाले दिनों में श्राइन बोर्ड प्रशासन उक्त सिस्टम को अधिक अपग्रेड करेगा।

अगर आप माता वैष्‍णो देवी के दर्शन कर चुके हैं तो आपको पता ही होगा क‍ि पहले तय नियम के तहत यात्रा पर्ची के ब‍िना वैष्णो देवी नमन को आये श्रद्धालुओं को बाण गंगा पर प्रवेश नहीं द‍िया जाता। पर रविवार से शुरू हुए नए आरएफआईडी सिस्टम के बाद बाण गंगा सहित तारा कोट ट्रैक पर आर.एफ.इ.डी (रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग को स्कैन के बाद ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। इस सिस्टम के शुरू होने से श्रद्धालुओं को भी काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि आए दिन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के गुमशुदगी के मामले सामने रहते थे। उक्त सिस्टम को शुरू करने के लिए श्राइन बोर्ड प्रशासन द्वारा पुणे की निजी कंपनी एम्टेक को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

नए आरएफआईडी सिस्टम के संबंध में जानकारी देते हुए सीईओ श्राइन बोर्ड अंशुल गर्ग ने बताया कि प्रथम चरण में उनके द्वारा करीब 6 जगहों पर काउंटर बनाए गए हैं। जिन पर यात्री आकर अपनी पहचान बताकर आरएफआईडी टैग हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड प्रशासन इस नए सिस्टम को शुरू करके इसके माध्यम से जानकारी कर रहे हैं कि एक टैग इशू करने में प्रति यात्री कितना समय लगता है। इस सिस्टम में और क्या-क्या अतिरिक्त सुधार किए जा सकते हैं।

गर्ग ने बताया कि फिलहाल ऑनलाइन यात्रा पर्ची प्राप्त करने वाले श्रद्धालुओं को श्राइन बोर्ड प्रशासन आरएफआईडी टैग नहीं प्रदान कर रहा है पर आने वाले दिनों में ऑनलाइन यात्रा पर्ची लेकर आए श्रद्धालुओं को इन्ही कॉउंटरो पर आकर अपनी ऑनलाइन यात्रा पर्ची की डिटेल शेयर करनी होगी। जिसके बाद वेबसाइट के माध्यम से पूरी जानकारी अपने सिस्टम से लेकर यात्री को टैग इशू किया जायेगा।

सीईओ श्राइन बोर्ड ने बताया कि श्राइन बोर्ड प्रशासन द्वारा उक्त सिस्टम के लिए एक मेन सर्वर रूम तारा कोर्ट में बनाया गया है। जबकि मास्टर कंट्रोल रूम सेंट्रल ऑफिस श्राइन बोर्ड में रहेगा। वहीं उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर साथ बैरिकेशन काउंटर भी बनाए गए हैं, जिन पर भी संबंधित अधिकारी निगरानी रखते हुए यात्रियों पर नजर रखेंगे। भवन पर नए साल पर मची भगदड़ के बाद श्राइन बोर्ड ने लिया था आरएफआईडी शुरू करने का फैसला।

दरअसल, 1 जनवरी 2022 को भवन पर हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्र‍ियों की सुरक्षा के ल‍िए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। उसमें से यात्री पर्ची की बजाय नई तकनीक युक्त रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) सर्व‍िस भी एक है।

क्‍या है आरएफआईडी कार्ड ?
आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है, ज‍िसे सर्वर के साथ कनेक्‍ट क‍िया जाएगा। इसके लिए बाकायदा कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पूरी तरह की जानकारी दी गई होगी। यात्रा शुरू करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण काउंटर से आरएफआईडी कार्ड म‍िलेगा। यात्रा पूरी होने के बाद इस कार्ड को श्रद्धालु को वापस करना होगा। इस कार्ड को मेट्रो टोकन की तरह कई बार यूज क‍िया जा सकता है।

कब शुरू हुई यात्रा पर्ची ?
सबसे पहले 1962 में सूचना विभाग ने श्रद्धालुओं के ल‍िए यात्रा पर्ची का स‍िस्‍टम शुरू क‍िया था। 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची की ज‍िम्‍मेदारी संभाली। 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के गठन के बाद यात्रा पर्ची की ज‍िम्‍मेदारी श्राइन बोर्ड ने अपने हाथों में ले ली। अब इस सुव‍िधा को बंद करके आरएफआईडी कार्ड स‍िस्‍टम लागू क‍िया जा रहा है।

PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!