Narmada The Soul Of India: भगवान शंकर के पसीने से उत्पन्न हुई थी नर्मदा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 May, 2025 04:04 PM

narmada the soul of india

Narmada The Soul Of India: भारत में बहने वाली सात नदियों के समूह को सप्तनदी कहा जाता है। इन सप्तनदियों में गंगा, गोदावरी, यमुना, सिंधु, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा नदियां शामिल हैं। इन सातों नदियों के जल में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और उसे...

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Narmada The Soul Of India: भारत में बहने वाली सात नदियों के समूह को सप्तनदी कहा जाता है। इन सप्तनदियों में गंगा, गोदावरी, यमुना, सिंधु, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा नदियां शामिल हैं। इन सातों नदियों के जल में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और उसे वातावरण में प्रवाहित करने की शक्ति है। प्राचीनकाल में साधु-संत और योगी-मुनि इन्हीं पवित्र नदियों के किनारे तपस्या करते थे। तभी तो यह इतनी शुद्ध और पावन हैं। आदि-अनादि काल से इन नदियों की महिमा चली आ रही है।

Narmada's story
भारत देश में प्रवाहित वाली पवित्र नदियों में अहम स्थान रखती हैं नर्मदा। सनातन धर्म के पौराणिक शास्त्रों में भी इनका उल्लेख मिलता है। इस नदी की इतनी महानता है की इसमें स्नान करने मात्र से समस्याओं एवं दुखों का अंत हो जाता है और बहुत से पुण्य फल भी प्राप्त होते हैं।

Narmada
नर्मदा नदी के जन्म से संबंधित बहुत सी धारणाएं प्रचलित हैं। उन्हीं में से एक मान्यता है की तप में लीन भगवान शंकर के पसीने से नर्मदा का जन्म हुआ। जैसे ही वे प्रकाशित हुई उन्होंने अपनी अनोखी और विलक्षण शोभा से बहुत सारी दिव्य एवं आकर्षण लीलाएं उपस्थित की कि स्वयं भगवान गौरी शंकर विस्मित रह गए।

Narmada
नर्मदा से प्रसन्न होकर उन्होंने उनका नामकरण करते हुए कहा," देवी! आपने हमें और हमारी अर्धांगिनी को प्रसन्न और उल्लसित किया है। आपका नाम हम रखते हैं नर्मदा। नर्म का अर्थ है- सुख और दा का अर्थ है- देने वाली। इनका एक अन्य नाम रेवा भी है, लेकिन अधिकतर लोग इन्हें नर्मदा नाम से ही जानते, पुकारते एवं पहचानते हैं।

Narmada

पद्मपुराण के आदिखंड में लिखा है कि त्रिभि: सारस्वतं तोयं सप्ताहेन तु यामुनम्, सद्य: पुनाति गांगेयं दर्शनादेव नर्मदाम्।

अर्थात
सरस्वती का जल तीन दिनों के स्नान से व्यक्ति को पवित्र करता है, यमुना का सात दिनों में, गंगा का पुण्य स्नान करते ही प्राप्त हो जाता है परंतु मां नर्मदा का जल केवल दर्शन मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति करवा मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है।

कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन नर्मदा में स्नान करें और चांदी से बने हुए सांप का संस्कार कर नर्मदा में विसर्जित कर दें।

किसी भी उग्र ग्रह की अशुभता नर्मदा में स्नान करने से शुभता में परिवर्तित हो जाती है।

शनिश्चरी अमावस्या पर नर्मदा में स्नान करने से ऊपरी शक्तियां प्रभावहीन हो जाती हैं।

दाम्पत्य में आ रही हो दरार या रहती हो तकरार तो नर्मदा में स्नान करने के बाद गीले वस्त्रों से भगवान गौरी शंकर का पूजन करने के बाद देवी गौरी पर लगा सिंदूर दंपत्ति अपने ललाट पर लगाएं। अविवाहितों के विवाह में देरी हो रही हो अथवा मन भावन जीवनसाथी पाने के लिए भी यह प्रयोग सिद्ध है। 

नर्मदा के घाट पर पितृ तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं एवं घर परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।

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