Pitru Paksha: घर से बाहर हैं तो इस विधि से करें श्राद्ध

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Oct, 2023 11:21 AM

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हमारा अस्तित्व पूर्वजों से ही है। हमारे पितृ प्रसन्न होंगे तभी हम समृद्ध होंगे। धर्म ग्रंथों में पितरों को देवताओं के समान ही संज्ञा दी गई है। पितरों के निमित्त किया जाने वाला संस्कार ही श्राद्ध है।

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Shradh 2023 september: हमारा अस्तित्व पूर्वजों से ही है। हमारे पितृ प्रसन्न होंगे तभी हम समृद्ध होंगे। धर्म ग्रंथों में पितरों को देवताओं के समान ही संज्ञा दी गई है। पितरों के निमित्त किया जाने वाला संस्कार ही श्राद्ध है। प्रति वर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक महालय यानी पितृ पक्ष के श्राद्ध निर्धारित रहते हैं। प्रौष्ठ पदी पूर्णिमा से ही श्राद्ध प्रारंभ हो जाते हैं। गीता में 84 लाख योनियों का उल्लेख मिलता है जबकि पितरों की आयु 1000 वर्ष मानी जाती है।  हमारे वेदों एवं शास्त्रों में स्पष्ट वर्णन मिलता है कि जो प्राणी अपने पितरों को प्रसन्न रखने तथा उनकी शांति के लिए कर्म नहीं करता वह नाना प्रकार के कष्टों, ऋण, रोग, शोक, संतान कष्ट, राज कष्ट एवं भूमि कष्ट से पीड़ित होता है।

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Pitru Paksha Shraddha: अगर हमारे पूर्वज न होते तो हमारा अस्तित्व ही न होता और जब हमारे पितृ ही रुष्ट होंगे तो हमारे देवता भी हमारे समीप नहीं आ सकते। पितृ यज्ञ का ही दूसरा नाम श्राद्ध है। श्राद्ध करने वाला परिवार दिवंगत पूर्वज को स्वर्ग लोक, विष्णु लोक और ब्रह्मलोक की प्राप्ति करवाता है।

How can we do shradh at home: श्राद्ध करते समय एक थाली पितरों के लिए, एक गाय के लिए, एक कुत्ते के लिए तथा एक कौए के लिए निकालनी चाहिए ताकि हमारे पूर्वज किसी भी रूप में प्रसन्न होकर आशीष दें और कार्य सफल हो। धर्मशास्त्रों में लिखा है कि पिंड रूप में कौओं को भी भोजन कराना चाहिए। ब्रह्मा जी ने सत्व, रज, तमोगुण के मिश्रण के साथ सृष्टि का निर्माण किया है। पक्षियों में कौआ तमोगुण से युक्त है। पुराणों में कौओं को यम का पक्षी माना गया है। इसकी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती यह जीव दीर्घ जीवी है। हम समृद्ध तभी होंगे जब पितृ प्रसन्न होते हैं।

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Shradh 2023 Significance and Importance: अगर आप इन दिनों में घर से बाहर हैं तो जल पात्र में काले तिल डालकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके तर्पण कर सकते हैं। अगर घर में भोजन बनाने की व्यवस्था नहीं है तो फल और मिष्ठान का दान कर सकते हैं। अगर आप दक्षिण की ओर मुंह करके अपने पितरों को याद कर 2 आंसू बहा दोंगे तो भी पितृ तृप्त हो जाएंगे।

श्राद्ध में शुभ कर्म, नया कारोबार, मुंडन संस्कार, नए घर में प्रवेश, नई गाड़ी खरीदना, मशीनरी खरीदना निषेध है।

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