Edited By Jyoti,Updated: 08 Oct, 2021 03:05 PM
सनातन धर्म में शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों का ही बहुत महत्व है। भारत में विभिन्न हिस्सों में या यूं कहे कि लगभग हर कोने में नवरात्रि धूम धाम से मनाए जाते हैं। 07 अक्टूबर से 2021 वर्ष के शारदीय नवरात्र आरंभ हो चुके हैं।
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सनातन धर्म में शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों का ही बहुत महत्व है। भारत में विभिन्न हिस्सों में या यूं कहे कि लगभग हर कोने में नवरात्रि धूम धाम से मनाए जाते हैं। 07 अक्टूबर से 2021 वर्ष के शारदीय नवरात्र आरंभ हो चुके हैं। इन दिनों के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। तो वहीं इसके प्रथम दिन लोग अपने घरों में कलश स्थापना करते हैं, जिसे घट स्थापना कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि की शुरूआत ही घट स्थापना यानि कलश स्थापना से ही होती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहैं कलश के नीचे बोए जाने वाले जौ के बारे में जिससे भविष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है।
जी हां, नवरात्र के दौरान बौए जाने वाले बीज का आपके भविष्य से गहरा संबंध होता है। इनके द्वारा भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत मिलते हैं। आइए जानते हैं क्या है ये संकेत-
अगर बोए हुए जौ का रंग नीचे से आधा पीला और उसके ऊपर हरा है तो आपका आगे का एक साल का आधा समय दुखों से भरपूर होगा और आधे साल बाद खुशहाली से, यानि सब कुछ नार्मल रहेगा।
अगर जौ का रंग नीचे से हरा और उसके ऊपर से पीला हो जाए तो समझ लें कि आपका आने वाला समय अच्छा होगा लेकिन बाद में आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
अगर इसका रंग सफ़ेद या फिर हरा रंग हो तो आपका पूरा साल अच्छा जाएगा। माना जाता है ये रंग खुशहाली का होता है।
ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर इस दौरान आपको कोई भी अशुभ संकेत मिले तो मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए या उनसे संबंधी हवन पाठ करना चाहिए।