Shiva Temple in India: भारत के वो 3 शिव मंदिर जहां बिना घंटी बजाए पूजा अधूरी, जानिए रहस्यों से भरपूर ये जगहें

Edited By Updated: 28 Sep, 2025 07:00 AM

shiva temple in india

Shiva Temple in India: हिंदू धर्म में घंटी को नाद और शुभता का प्रतीक माना जाता है। किसी भी पूजा या अनुष्ठान से पहले घंटी बजाना एक सामान्य परंपरा है लेकिन भारत में भगवान शिव के कुछ ऐसे प्राचीन और अद्भुत मंदिर हैं, जहाँ घंटी की ध्वनि को केवल एक रस्म...

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Shiva Temple in India: हिंदू धर्म में घंटी को नाद और शुभता का प्रतीक माना जाता है। किसी भी पूजा या अनुष्ठान से पहले घंटी बजाना एक सामान्य परंपरा है लेकिन भारत में भगवान शिव के कुछ ऐसे प्राचीन और अद्भुत मंदिर हैं, जहाँ घंटी की ध्वनि को केवल एक रस्म नहीं, बल्कि पूजन प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा माना जाता है। यह ध्वनि न केवल नकारात्मकता को दूर करती है, बल्कि स्वयं भक्त की चेतना को भी जागृत करती है। यहां भारत के तीन ऐसे ही प्रसिद्ध शिव मंदिरों का विवरण दिया गया है, जहां बिना घंटी बजाए पूजा अधूरी मानी जाती है:

PunjabKesari Shiva Temple in India

कैलासनाथर मंदिर, कांचीपुरम
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्राचीन पल्लवकालीन मंदिरों में से एक है, जिसका निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था। कैलासनाथर मंदिर में घंटी बजाने की परंपरा शिव को जागृत करने के लिए नहीं, बल्कि स्वयं भक्त की चेतना को जागृत करने की प्रक्रिया मानी जाती है। घंटी की ध्वनि से उत्पन्न होने वाला आध्यात्मिक कंपन भक्त को ध्यान में स्थिर करता है। मान्यता है कि बिना घंटी बजाए की गई पूजा अधूरी होती है और भक्त को उसका पूर्ण फल नहीं मिलता। भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि जो भी सच्चे मन से यहाँ पूजा करता है और घंटी बजाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।

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घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, औरंगाबाद
यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम स्थान रखता है और महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में प्रसिद्ध एलोरा गुफाओं के निकट स्थित है। यहां यह एक विशेष अनिवार्य परंपरा है कि प्रत्येक भक्त को मंदिर में प्रवेश करने से पहले मुख्य द्वार पर लगी घंटी अवश्य बजानी चाहिए। यह घंटी केवल पूजा की शुरुआत का संकेत नहीं है, बल्कि भगवान शिव के प्रति अपनी उपस्थिति और पूर्ण समर्पण की घोषणा कहलाती है। ऐसी मान्यता है कि घंटी बजाने से भक्त अपनी समस्त नकारात्मकता को बाहर छोड़कर मंदिर में प्रवेश करता है, जिससे उसका मन पूजा के लिए शुद्ध हो जाता है।भक्तों का विश्वास है कि यहां घंटी बजाकर सच्चे मन से मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है।

घंटेश्वर महादेव मंदिर, रेवाड़ी
इस मंदिर की पहचान यहां लगी सैकड़ों छोटी-बड़ी घंटियों की श्रृंखला है, जिसके कारण ही इसका नाम घंटेश्वर पड़ा है। यहां की सबसे खास बात यह है कि दर्शन के लिए आने वाला हर भक्त पहले घंटी जरूर बजाता है। यह कार्य यहा की पूजा पद्धति का मूल आधार है। मान्यता है कि अगर कोई सच्चे मन से भगवान शिव का नाम लेकर घंटी बजाए, तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु यहां बड़ी-सी पीतल की घंटी चढ़ाते हैं, जिन्हें मंदिर परिसर में सम्मान के साथ टांगा जाता है।

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