Edited By Prachi Sharma,Updated: 06 Mar, 2024 11:18 AM
एक दिन गुरु रामदास और शिवाजी साथ-साथ दक्षिण भारत की यात्रा पर निकले। रास्ते में उन्हें एक नदी मिली। उसमें पानी उफान
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Shivaji Maharaj Story: एक दिन गुरु रामदास और शिवाजी साथ-साथ दक्षिण भारत की यात्रा पर निकले। रास्ते में उन्हें एक नदी मिली। उसमें पानी उफान पर था।
गुरु रामदास नदी को देख शिवाजी से बोले, “शिवा, नदी को पहले मुझे पार करने दें।”
शिवाजी बोले, “नहीं गुरुदेव, पहले मैं पार करूंगा, फिर आप।” बहुत देर तक गुरु और शिष्य के बीच नदी पार करने को लेकर बहस होती रही। फिर अचानक शिवाजी नदी में कूद गए और नदी पार कर गए।
गुरु रामदास ने भी नदी पार की और शिवाजी से नाराज होते हुए बोले, “आज पहली बार तूने मेरी अवज्ञा की है।”
शिवाजी नाराज गुरु से बोले, “मैं आपको एक अनजान नदी में पहले कैसे कूदने देता। आपको कुछ हो जाता तो ?” “और तुझे कुछ हो जाता तो ?” गुरु बोले।
शिवाजी ने जवाब दिया, “मेरे बह जाने या डूब जाने से कोई नुकसान नहीं होता। आप कई और शिवाजी पैदा कर देते। लेकिन आपको कुछ हो जाता तो पूरा राज्य एक समर्थ गुरु खो देता।”
मेरे जीवन की तुलना में आपका जीवन राज्य के लिए अधिक कीमती है। शिवाजी का जवाब सुनकर कोई भी गुरु गर्व से भर उठता।