Shri Badrinath Dham: बद्रीनाथ के कपाट शीघ्र होंगे बंद, जानिए सर्दियों में कहां होगी श्री बद्री नारायण की पूजा-अर्चना

Edited By Updated: 02 Nov, 2025 06:00 AM

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hri Badrinath Dham: हर साल सर्दियों की आहट के साथ, हिमालय क्षेत्र में स्थित चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। अत्यधिक बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के कारण यह क्षेत्र दुर्गम हो जाता है, जिसके चलते यह...

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Shri Badrinath Dham: हर साल सर्दियों की आहट के साथ, हिमालय क्षेत्र में स्थित चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। अत्यधिक बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के कारण यह क्षेत्र दुर्गम हो जाता है, जिसके चलते यह धार्मिक परंपरा सदियों से निभाई जा रही है।

वर्ष 2025-2026 की महत्वपूर्ण तिथियां
मंदिर के कपाट बंद होने की घोषणा हर वर्ष विजयदशमी (दशहरा) के शुभ अवसर पर की जाती है। वर्ष 2025 और 2026 से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार हैं:

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कपाट बंद होने की तिथि (2025): 25 नवंबर 2025, दोपहर 2:56 बजे।
कपाट खुलने की संभावित तिथि (2026): 24 अप्रैल 2026।
कपाट बंद होने के बाद, अगले लगभग छह महीने तक भक्तों के लिए धाम की यात्रा बंद रहती है।

कपाट बंद होने की तिथि कैसे निर्धारित होती है?
बद्रीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि का निर्धारण एक अत्यंत पारंपरिक और शास्त्रीय प्रक्रिया के तहत किया जाता है। यह तिथि हिंदू पंचांग की विस्तृत गणनाओं पर आधारित होती है। हर साल विजयदशमी के शुभ दिन पर, बद्रीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी (रावल), धर्माधिकारी और बद्री-केदार मंदिर समिति के अधिकारी मिलकर पंचांग का अध्ययन करते हैं। ज्योतिषीय योगों और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखते हुए, कार्तिक मास के अंत में या नवंबर माह में, जब हिमालय में ठंड बढ़ जाती है, कपाट बंद करने की तिथि तय की जाती है।

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शीतकाल में कहां होती है भगवान बद्री विशाल की पूजा ?
बर्फबारी के दौरान बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने पर, भक्तों के मन में स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न आता है कि भगवान बद्री विशाल की पूजा कहां होती है। इस दौरान भगवान की पूजा का स्थान पारंपरिक रूप से स्थानांतरित कर दिया जाता है-

बद्री विशाल की पूजा और उनका निवास शीतकाल के लिए जोशीमठ स्थित श्री नरसिंह मंदिर में स्थानांतरित हो जाता है।  कपाट बंद होते ही, भगवान बद्री विशाल के प्रतिनिधि के रूप में उद्धव जी और कुबेर जी की डोली को एक विशेष धार्मिक यात्रा के साथ जोशीमठ लाया जाता है। भले ही बद्रीनाथ धाम की यात्रा बंद हो जाती है, भक्तगण इस पूरी अवधि के दौरान जोशीमठ के श्री नरसिंह मंदिर में आकर भगवान बद्री विशाल के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

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